नई दिल्ली/kaushlendra Pandey/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में मंगलवार से लागू हुए नए वक़्फ़ क़ानून को सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क़ानून न सिर्फ पसमांदा मुस्लिम समाज की बेहतरी के लिए है, बल्कि खासकर महिलाओं और बच्चों के हक़ को कानूनी सुरक्षा देने वाला एक मजबूत आधार भी साबित होगा।
मोदी ने अपने बयान में कहा, “देश के हर नागरिक को बराबरी का हक़ मिलना चाहिए। वक़्फ़ संपत्तियों का लाभ अब उन लोगों तक भी पहुंचेगा, जो दशकों तक इससे वंचित रहे हैं – खासकर हमारी पसमांदा बहनें और उनके बच्चे।”
नया वक़्फ़ कानून पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देता है। इसके तहत वक़्फ़ बोर्डों की कार्यशैली में व्यापक सुधार किए जाएंगे, संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग की जाएगी, और गैरकानूनी कब्जों पर सख्त कार्रवाई होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह क़ानून लंबे समय से उपेक्षित मुस्लिम समुदाय के भीतर के सबसे वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का माध्यम बन सकता है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में पसमांदा मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को अधिक अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री का यह भी कहना था कि “हम राजनीति से ऊपर उठकर समाज के हर तबके के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहते हैं।”
देशभर में इस कानून को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है और सामाजिक कार्यकर्ता इसे “समावेशी विकास” की दिशा में एक साहसिक पहल मान रहे हैं.