पटना 14 अप्रैल, 2025/ आज राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय के बोर्ड रूम में बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी की विचारधारा और संविधान की चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी आयोजित किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदय नारायण चौधरी, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद श्री मंगनीलाल मंडल, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार सिंह, सतीश कुमार, डॉ0 तनवीर हसन, पूर्व मंत्री प्रो0 चन्द्रशेखर, श्रीमती बीमा भारती, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, अरूण कुमार यादव, मुख्यालय प्रभारी श्रीमती मुकुंद सिंह, प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार राम, निर्भय कुमार अम्बेदकर, नन्दू यादव, डॉ0 प्रेम कुमार गुप्ता, अभिषेक कुमार सिंह, गुलाम रब्बानी, राजेश यादव, विजय कुमार यादव, प्रो0 प्रमोद कुमार सिंह, उपेन्द्र चन्द्रवंशी, सुजीत कुमार चौधरी, डॉ0 लालदेव प्रसाद यादव, रंजन कुमार, विमल कुमार राय, संदीप यादव, शिवेन्द्र कुमार तांती, जॉनसेन पेन, गुड्डू यादव सहित सैंकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर पटना लॉ कॉलेज के प्रो0 मो0 शरीफ ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी ने प्रताड़ना सहकर भी पढाई जारी रखी और भारत के संविधान बनाने के लिए जो संविधान सभा का निर्माण हुआ उसमें सबसे पढ़े लिखे व्यक्ति के रूप में बाब साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर ही थे। बाबा साहब ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए लगातार संघर्ष और प्रताड़ना झेली। आज बाबा साहब के विचारों के अनुसार संविधान सभा के द्वारा जो संविधान की प्रस्तावना तैयार की गई उसमें वी द पीपूल का उल्लेख है जिसमें सारे भेदभाव को खत्म करके समानता का अधिकार दिया गया है लेकिन आज जिस तरह की संविधान को चुनौतियां संख्या बल के आधार पर दी जा रही है वो कहीं न कहीं लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर कर रहा है। जिसके पास संख्या अधिक है वो संविधान को बदलने की फिराक में है जबकि देश का संविधान समानता के अधिकार के तहत वंचित, पिछड़ा, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज को एकजुट रहने का संदेश देता है। बाबा साहब ने समाज के लोगों को इस बात की प्रेरणा दी थी कि वो अधिकारी भी बन जाये ंतब भी अपनी पहचान को नहीं छुपाये बल्कि उन्हें इस बात का गर्व होना चाहिए कि वो वंचित वर्ग से आते हुए भी देश और संविधान की मजबूती के लिए कार्य कर रहे हैं। लालू जी के विचारधारा के साथ सभी को खड़ा होना होगा क्योंकि राजद ही ऐसी सेक्युलर पार्टी है जिसने हमेशा बाबा साहब के विचारों के साथ खड़ा होकर देश के सेक्युलरिज्म को मजबूती प्रदान की।
प्रो0 राजीव कुमार, विभागाध्यक्ष एमीटी लॉ कॉलेज ने कहा कि बाबा साहब का सिद्धांत को लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। हमसभी को जाति और धर्म से उपर उठकर आगे बढ़ने की सोच बनानी होगी। हमारे देश के लिए बाबा साहब अनमोल रत्न थे। उन्होंने शिक्षित, संगठित और संघर्ष करो की जो बातें कही थी उसके लिए हमें सबसे पहले शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रति सोच बनानी होगी जो उनके जीवन का मूल सिद्धांत था। बाबा साहेब के किरदार को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उतर प्रदेश में जिस तरह से बुलडोजर बाबा का बुलडोजर जब गरीब और दलित के घर पर चलाया जा रहा था तो एक दलित वर्ग की बच्ची ने शिक्षा के प्रति जब किताब लेकर वो अपने उस टूटे हुए मकान से बाहर आ रही थी तो उस पर सर्वोच्च न्यायालय ने भी उस बच्ची के शिक्षा के प्रति सोच की तारिफ की।
इन्होंने आगे कहा कि सेक्युलरिज्म को धर्म के आधार पर नहीं बल्कि समानता और स्वतंत्रता जो संविधान के अनुसार दी गई है उसको आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। सभी समुदाय के लोग बिना डरे एक टेबुल पर बैठकर संगठित होकर अपनी बातें कहें इसके लिए सजग रहने की आवश्यकता है। मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए और लोकतंत्र में गरीब, अमीर, रानी, मेहतरानी को जो वोट का अधिकार मिले हैं उसको बचाने के लिए सामाजिक समानता के साथ आर्थिक समानता के दिशा में आगे बढ़ना होगा।
इन्होंने आगे कहा कि आज जिस तरह से वक्फ संशोधन विधेयक में बाबा साहब के संविधान के विपरित वक्फ बोर्ड में दूसरे धर्म के लोगों को सदस्य बनाने की बात सामने आयी है वो समानता के अधिकार को कमजोर करता है और कहीं न कहीं बाबा साहब के समानता के सिद्धांत के प्रतिकूल है। बाबा साहब किसी पोस्टर, चित्र या प्रतिमा के मोहताज नहीं हैं। उनके द्वारा दिये गये हक और अधिकार को मजबूत करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि पटना लॉ कॉलेज के प्रोफेसर मो0 शरीफ का स्वागत शॉल और लालू जी के जीवनी पर लिखित गोपालगंज टू रायसीना पुस्तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदय नारायण चौधरी ने देकर सम्मानित किया। जबकि एमीटी लॉ कॉलेज के विभागाध्यक्ष प्रो0 राजीव कुमार का शॉल और लालू जी के जीवनी पर लिखित गोपालगंज टू रायसीना पुस्तक देकर प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सतीश कुमार ने सम्मानित किया।