उमर फारुख/कोलकाता। बंगाली नववर्ष ‘पोइला बैशाख’ की पूर्व संध्या पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने आज कालीघाट मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्यवासियों की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने न केवल आस्था से जुड़े स्थलों का भ्रमण किया, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कई विकास योजनाओं का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कालीघाट मंदिर में मां काली के चरणों में नमन करते हुए कहा, “काली मां की स्नेहाशीष से नए वर्ष का हर दिन मंगलमय हो। मां का आशीर्वाद सभी को सुख, शांति और शक्ति प्रदान करे।” उन्होंने न केवल कालीघाट मंदिर में पूजा की, बल्कि निकटवर्ती नकुलेश्वर भैरव मंदिर का भी दौरा किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर करीब 435 मीटर लंबे आधुनिक स्काईवॉक का लोकार्पण किया, जो श्यामा प्रसाद मुखर्जी रोड, मेट्रो स्टेशन और कालीघाट मंदिर को आपस में जोड़ेगा। स्काईवॉक में लिफ्ट, सामान्य और चलित सीढ़ियों की सुविधा दी गई है, जिससे तीर्थयात्रियों विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों को मंदिर तक पहुंचने में सुविधा हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि, “कालीघाट मंदिर न केवल एक पवित्र शक्ति पीठ है, बल्कि यह हमारी आस्था, संस्कृति और परंपरा का केंद्र भी है। मेरी मां के साथ यहां की गई हर वार्षिक पूजा मेरी स्मृतियों में बसी हुई है। आज जब मैं इस पावन स्थल पर आया हूं, तो उन भावनाओं को और गहराई से महसूस कर पा रहा हूं।”
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नव सजे हुए कालीघाट मंदिर प्रांगण और ‘कालीघाट रिफ्यूजी हॉकर्स कॉर्नर’ का भी शुभारंभ किया। मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है और रोशनी से आलोकित किया गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धा, मानवता, संस्कृति और एकता ही सच्चा धर्म है। “इंसान से प्रेम करना सबसे बड़ा धर्म है और यही बंगाल की संस्कृति है। हम सब आपसी सौहार्द और भाईचारे के सूत्र में बंधे हैं।”
अंत में उन्होंने बंगालवासियों को अग्रिम रूप से “शुभ नववर्ष” की शुभकामनाएं दीं और सभी के स्वास्थ्य, खुशहाली और समृद्धि की कामना की।