मुज़फ्फरपुर(रूपेश कुमार)-बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल(एसकेएमसीएच) का दौरा किया. वहां एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित इलाजरत बच्चों के संबंध में मुख्यमंत्री ने अस्पताल अधीक्षक एवं चिकित्सकों से विस्तृत जानकारी ली. एसकेएमसीएच में बच्चों के परिजनों से भी मुख्यमंत्री ने बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि इलाज में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी. एसकेएमसीएच का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ने अस्पताल के सेमिनार हॉल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, अस्पताल के अधीक्षक, प्रचार्य एवं चिकित्सकों से हर पहलू पर चर्चा कर बेहतर चिकित्सा के संबंध में कई दिशा-निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिजनों से बात करने पर यह जानकारी मिली कि भूख नहीं लगने के कारण रात में बच्चा बिना भोजन किए ही सो गया और सुबह में उनकी तबीयत खराब हो गई. इसलिए इस एंगल से भी देखना होगा कि कहीं दिन में ही उसकी ऐसी स्थिति तो नहीं हो गई थी जिसके कारण बच्चे को रात में भूख महसूस नहीं हुई. उन्होंने कहा कि पूरा एरिया जो चमकी बुखार से प्रभावित है,
उसका एनवायरमेंटल स्टडी कराकर यह एनालिसिस करना होगा कि इससे बचाव के लिए प्राकृतिक एवं तकनीकी तौर पर क्या किया जा सकता है. गर्मी में अक्सर मच्छर गायब हो जाते हैं लेकिन उच्च तापमान और अस्वस्थता और ह्यूमिडिटी के कारण अगर प्रभावित इलाकों में मच्छर पाए जाते हैं तो उसका भी उपाय करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित परिवारों के सामाजिक आर्थिक अध्ययन के साथ-साथ साफ सफाई के लिहाज से उनके घरों के वातावरण का भी आंकलन करना होगा. उन्होंने कहा कि पेयजल कहीं गुणवत्ता प्रभावित तो नहीं है, उसकी भी मॉनिटरिंग करवाई जाएगी. एक भी कचरा घर नहीं रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना के जरिए जो मकान बनाए बनाए जाने हैं उस पर भी ध्यान दीजिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता अभियान के साथ-साथ और क्या कुछ करने की आवश्यकता है, हर बिंदु पर गौर करके अग्रेतर तक कार्रवाई सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि पीड़ित और मृत बच्चों में लड़के एवं लड़कियों का क्या रेशियों है. इसकी भी जानकारी लीजिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से भी एक-एक परिवार को अवगत कराना होगा. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल की क्षमता बढाइये और यहां 2500 बेड की व्यवस्था सुनिश्चित करिए. इस दिशा में अविलंब फैसला लेते हुए तत्काल फर्स्ट फेज में 1500बेड का प्रबंध करिए. उन्होंने कहा कि यहां एक धर्मशाला का भी निर्माण कराए ताकि मरीजों के साथ-साथ आने वाले परिजनों को आवासन की दिक्कत ना हो. इससे अस्पताल के अंदर अनावश्यक मूवमेंट पर भी रोक लगेगी. मुख्यमंत्री ने 50 वर्ष पुराने एसकेएमसीएच के रिनोवेशन की बात कही और 2 साल के अंदर सभी काम पूरा करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध हो इसके लिए एडिशनल चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित होनी चाहिए. अस्पताल अधीक्षक को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिदिन के क्रियाकलापों एवं वर्तमान स्थिति के संदर्भ में अस्पताल में मीडिया ब्रीफिंग का समय निर्धारित करिए.
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नगर विकास आवास मंत्री सुरेश शर्मा, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुजफ्फरपुर के प्रमंडल आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, एसकेएमसीएच के अधीक्षक सुनिल कुमार साही, एसकेएमसीएच के प्रचार्य डॉ विकास कुमार, पीडियाट्रिक एचओडी डॉ गोपाल शंकर साहनी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.