झारखण्ड,
बिहार के बाद झारखंड में “चमकी” को लेकर हाई अलर्ट. बिहार में जिस तरह एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) ने बच्चों को अपना शिकार बनाया है उससे पूरा देश हिला हुआ है। अभी भी मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। बिहार के बाद अब झारखंड सरकार ने भी राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक बिहार में इस खतरनाक बीमारी से 150 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है। बिहार में इस बीमारी को दिमागी बुखार और “चमकी बुखार” कहा जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि मुजफ्फरपुर समेत राज्य के 12 जिलों में इस बीमारी का कहर लगातार बढ़ रहा है। यही नहीं, एसकेएमसीएच में अब तक 85 से अधिक बच्चों की जान जा चुकी है जिनमें से ज्यादातर बच्चों की उम्र 10 वर्ष से भी कम है। बच्चों के हाइपोग्लाइसीमिया यानी कि शुगर लेवल के बिल्कुल कम हो जाने से और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के शिकार होने के कारण ही उनकी मौत हो रही है।
चमकी से लड़ने के लिए झारखण्ड तैयार –
झारखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर नितिन मदान कुलकर्णी ने कहा है कि – “झारखंड सरकार ने सभी 24 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है, प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। राज्य में बचाव के सभी उपाय किए जा रहे हैं और साथ ही सभी जिलों के सिविल सर्जन्स को बीमारी पर नज़र रखने को कहा है।
प्रिया सिन्हा
चीफ सब एडिटर,
कंट्री इनसाइड न्यूज़.