2010 में हुआ था हाई स्कू़ल आट के प्लस टू भवन का शिलान्यास।
हाई स्कूल आट के प्लस टू भवन के प्रति जनप्रतिनिधि से लेकर विभाग तक लापरवाह।
चालू होने से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगी हाई स्कूल आट का प्लस टू भवन।
नालंदा – सरकार विकास की लाख ढिंढोरा पिट ले पर नालन्दा विधानसभा के आट पंचायत के लोगों को यह थोथी दलील ही नजर आती है। क्योंकि इस पंचायत के आठ गाँवों का एकमात्र हाई स्कूल आट का प्लस टू भवन 9 वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका है। इस प्लस टू भवन के इतिहास से विभाग से लेकर जनप्रतिनिधि तक सभी अवगत हैं ,पर किसी ने ठेकेदार पर दबाव नहीं डाला। इससे तो यही पता चलता है कि ठेकेदारों के साथ विभाग एवं जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत है इन जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि यह भवन 9 वर्षों से निर्माणाधीन है।विद्यालय के पुर्व प्रभारी सुनील कुमार द्वारा भी भवन के बारे में विभाग को बार बार लिखा गया पर भवन अभी तक विद्यालय प्रबन्धन को सौंपा नहीं गया है ।श्री कुमार का कहना था कि विभाग से हमें कोड भी नहीं मिला है पर विभाग से इंटर में नामांकन लेने के लिए बार-बार दबाव बनाया जा रहा है।जब मैं कोड देने की बात करता हूं तो सभी चुप हो जाते हैं।अगर मैं बच्चों का नामांकन ले लिया और विभाग ने कोड नहीं दी तो मैं यहां से फार्म नहीं भर पाऊंगा। ऐसी स्थिति में बच्चे एवं अभिभावक हम पर हावी हो जाएंगे। इसलिए जब तक विभाग से कोड नहीं मिलेगा तब तक मैं नामांकन प्रारंभ नहीं करूंगा।वर्तमान प्रभारी सरिता सिन्हा का कहना है कि इस भवन के बारे में अभी हमें कुछ भी पता नहीं है। विभाग से जानकारी लेकर बताएंगे की आट हाई स्कूल के प्लस टु भवन कि क्या स्थिति है। हैरत की बात तो यह है कि यह भवन विभाग को सौंपी की भी नहीं गई और क्षतिग्रस्त होने लगी है। दीवार में धरार पड़ना, छज्जा गिरना एवं जहां-तहां से प्लास्टर उखड़ना शुरू हो गया है।इस तरह से तो लगता है कि इस भवन में पढ़ाई शुरू होते होते भवन ही समाप्त हो जाएगी।इस हाई स्कूल में बड़ी आट, छोटी आट, करण विगहा,लाला विगहा,चंद्र विगहा, महम्मदपुर, विशुनपुर, दरियापुर एवं जोगा विगहा के बच्चे पढ़ने आते हैं।मैट्रिक पास करने के बाद इन बच्चों को इंटर में नामांकन लेने के लिए बिहारशरीफ,पावापुरी,बड़ी मठ इस्लामपुर एवं औंगारी के कॉलेजों में भटकना पड़ता है। खासकर बच्चियों को तो बहुत कठिनाई होती है। अधिकतर बच्चियाँ तो पढ़ाई ही छोड़ देती है। अगर यहां इंटर की पढ़ाई शुरू रहती तो ना बच्चियों की पढ़ाई छूटती और ना ही बच्चों को भटकना पड़ता। सबसे बड़ी हैरत की बात तो यह है कि यह विद्यालय ग्रामीण विकास सह संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार के विधानसभा क्षेत्र एवं सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला में पड़ता है।इसके बावजूद भी यह विद्यालय हद से ज्यादा उपेक्षित है।
रिपोर्ट – डी.एस.पी.सिंह