आरा – शहर के नगर निगम का काम भी गजब का है। पहले से शहर की सफाई पर ध्यान नहीं देता जब हल्की बारिश होती है तो निगम से लेकर उनके अधिकारी तक सफाई पर थोड़ा ध्यान देते हैं क्योंकि अफसरों के घरों में नालों के पानी जाने से उनके नौकरी खतरो में पड़ती दिखाई देने लगती है .और वह साल में 2 महीना अपने कामों के प्रति पूरी सजग से काम पर ध्यान देने लगते हैं। आखिर जो लाखों रुपया सफाई के लिए आते हैं कहां चले जाते हैं. कुछ भी पता नहीं चलता. आखिर उन पैसों को भूत निगल जाता है या अधिकारी या कर्मचारी या नेता निगल जाते कुछ पता ही नही चल पता है . वहीं लोगों का कहना है कि 5 लोगों के जगह पर नगर निगम तीन मजदूरों का काम कराता है और दो मजदूरों का पैसा अपने जेब में रख लेता है. हम बात कर रहे हैं भोजपुर जिले के आरा शहर की जहां इन दिनों थोड़ी सी बारिश ने नगर निगम की पोल खोल कर रख दिया है।बतादे कि शनिवार को निगम ने आरा शहर के नालों की ऐसी सफाई करवाई कि उसका गीला कीचड़ सड़कों पर फेंक दिया और पूरे बाजार को ही नर्क में तब्दील कर दिया। शहरवासी अपने को और वाहन को बचते-बचाते निकले लेकिन कीचड़ का उनके कपड़ों पर दाग लगा ही गया। वही साधनों की कमी का रोना रो रहे निगम की बदबू बाजार में फैली सो अलग।निगम अभी तक नालों की सफाई के नाम पर उसका सारा मलबा निकाल कर सड़क पर डालता रहा है। तीन-चार दिन इस मलबे के सूखने का इंतजार किया जाता है। तब उसे टै्रक्टर-ट्रॉली से उठाया जाता है। वर्षों से निगम इसी परिपाटी पर काम कर रहा है। इससे नालों की सफाई तो हो जाती है, लेकिन जब तक गंदगी सड़क पर पड़ी रहती है वह पूरे शहर को परेशान करती रहती है।नालों की सफाई के लिए उन पर लगे सभी फैरोकवर हटाए जाते हैं। इस काम के दौरान काफी फैरोकवर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे निगम को हर साल आर्थिक क्षति भी हो जाती है। फिर भी अधिकारी और कर्मचारी और ठेकेदार मौन होकर शहरवासियों का नर्क बंता क्यों देख रहा है।
ब्यूरो, भोजपुर