‘कट मनी’ घोटालाः निकाय सदस्यों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर
स्नेहा सिंह
कोलकाताः पश्चिम बंगाल में ‘कट मनी’ घोटाले को लेकर राज्य सरकार सतर्क हो गई है। सूबे की ममता बनर्जी सरकार ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वह ‘कट मनी’ मामले में लोगों की शिकायत दर्ज करना शुरू करें। सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि जिन निकाय अधिकारियों ने योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ लिया है उनके खिलाफ केस दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जाए।
इसके अलावा राज्य सरकार ने निकाय सदस्यों को कहा है कि बांग्लार बारी योजना के लाभार्थियों का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाए। सोमवार को एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) ज्ञानवंत सिंह ने बताया कि एसपी को ‘कट मनी’ मामले को लेकर आने वाली शिकायतों पर मुकदमे दर्ज करने का आदेश दिया गया है। यह मामले आईपीसी की धारा 409 के तहत दर्ज किए जाएंगे, जो किसी लोकसेवक द्वारा विश्वास के आपराधिक उल्लंघन से संबंधित है।’
अधिकारी ने आगे बताया कि अभी तक इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है लेकिन पुलिस को यह निर्देश दिया गया है कि अगल वह किसी लोकसेवक को ऐसे किसी मामले में संलिप्त पाते हैं तो उनके खिलाफ तुरंत केस दर्ज करें। बता दें कि विपक्षी दलों द्वारा मामले को जोर-शोर से उठाने के बाद राज्य सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इसके बाद ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लाभार्थियों के मकान बनाने के लिए पहल करने वाले पार्षद उनसे कुछ पैसे लेते हैं।
हाकिम ने बताया कि लाभार्थियों से लिए गए ये पैसे परियोजना की लागत का हिस्सा हैं और इसे ही लोग ‘कट मनी’ मान लेते हैं। उन्होंने पार्षदों को सलाह दी है कि ऐसे भ्रम से बचने के लिए वह लाभार्थियों की धनराशि को सीधे उनके बैंक खाते में जमा करें। बता दें कि ‘कट मनी’ घोटाला मामले को लेकर बंगाल विधानसभा में विपक्ष ममता सरकार पर हमलवार है। कांग्रेस ने सदन में ‘कट मनी’ को लेकर जांच की मांग करते हुए कहा कि इसके लिए एक आयोग गठित करने की जरूरत है ताकि हमें पता चले कि इसे कौन हड़प रहा है। इसके अलावा वामदलों ने भी इसे लेकर सदन में सरकार को घेरते हुए जांच की मांग की है।