नालंदा – पतंजलि योग पीठ हरिद्वार से आऐ स्वामी रामदेवजी महाराज के शिष्य-योगाचार्य आचार्य रोहितजी व ब्रह्मचारी जय प्रकाश जी ने नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के सुभाषचंद्र बोस पार्क में सुबह सैंकडों योग प्रेमियों को योग करवाया। उन्होंने शिविर में लोगों को बीच-बीच में योग की महत्ता भी बताई। शिविर का आयोजन पतंजलि योग समिति नालन्दा व भारत स्वाभिमान ट्रष्ट नालन्दा शाखा की ओर से आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता भारत स्वाभिमान ट्रष्ट नालन्दा के अध्यक्ष इंजीनियर रविशंकर ने किया।
पतंजलि योग समिति नालन्दा के जिला मीडिया प्रभारी राकेश बिहारी शर्मा ने बताया कि यह शिविर नालन्दा जिला में तीन दिवसीय शिविर शहर के विभिन्न स्थानों पर पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के योगाचार्य आचार्य रोहितजी व ब्रह्मचारी जयप्रकाश जी के द्वारा शहर वासियों के बीच कराया जा रहा है। इसी क्रम में आज सुभाषचंद्र बोस पार्क में योग,ध्यान,प्राणायाम कराया गया।
आसनों का अभ्यास करा उनके लाभ की जानकारी दी।
डेढ़ घंटे तक चलने वाले इस योग शिविर में शहर के विभिन्न मोहल्लों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष योग,ध्यान,प्राणायाम सीखने के लिए सुभाषचंद्र बोस पार्क में प्रातः काल पहुंचे।
हरिद्वार पतंजलि योगपीठ से पहुंचे आचार्य रोहितजी व भारत स्वाभिमान के प्रदेश संरक्षक उदय शंकर प्रसाद तथा योग गुरु रामजी प्रसाद यादव ने मिलकर कठिन योगासन व प्राणायाम का अभ्यास कराया। उन्होंने प्राणायाम में भ्रस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीत और आसनों में ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, सलभासन, मकरासन, वक्रासन का अभ्यास कराने के साथ उनके लाभों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया, कि प्राणायाम इसमें सबसे महत्वपूर्ण अभ्यास हैं। क्योंकि प्राणशक्ति के द्वारा हमारा शरीर क्रियाशील रहता है। व्यक्ति बिना भोजन के बिना पानी के कुछ समय तक जीवित रह सकता है। लेकिन बिना प्राण वायु के एक क्षण भी जीवित नहीं रह सकता। इसलिए आओ प्राणायाम करें और प्राणायाम के द्वारा अपनी समस्त संकल्प शक्तियों को जागृत करें। प्राणों पर नियंत्रण करें और अपने जीवन को एक अच्छा महान भगवान राम, कृष्ण जैसे महर्षि कपिल, कणाद, महर्षि जैमिनी, महर्षि पाणिनि, महर्षि पतंजलि, महर्षि दयानंद सरस्वती,विवेकानंद, आदि महान महापुरुषों के जीवन और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सफल बनाएं और उन्होंने बताया कि इसमें कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं, इन प्राणायामों के करने से गैस, कब्ज, एसिडिटी, डायबिटीज,गाल स्टोन,किडनी स्टोन,कोलाइटिस, आर्थराइटिस, हेपेटाइटिस, सोरायसिस, एक्जिमा कैंसर, एचआईवी, एड्स, ब्रेन हेमरेज, जैसी असाध्य रोगों से बहुत जल्दी मुक्ति मिलती है। इसलिए आओ करें योग रहें निरोग। क्योंकि योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।
नालंदा के महान योगाचार्य योग गुरु रामजी प्रसाद यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि योगाभ्यास को एकाग्रता पूर्वक करना चाहिए। वैसे तो यह जीवन का मूल सिद्धांत है कि जो भी करें एकाग्रता से करें, ध्यान से, सहजता, प्रसन्नता से करें। योग विज्ञान सही मायने में जीवन विज्ञान है। यह चिकित्सा विज्ञान है रोगियों के लिए, यह जीवन विज्ञान है सबके लिए। यह आध्यात्म विज्ञान है,यह परा विद्या, ब्रह्म विद्या, तत्व ज्ञान है योगियों के लिए। विद्यार्थियों के लिए यह योगाभ्यास अमृत तुल्य है।
इस दौरान पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के कुमार अजीतजी उर्फ़ हरिओमजी, पतंजलि योग समिति नालंदा के मीडिया प्रभारी राकेश बिहारी शर्मा, पतंजलि योग समिति नालंदा के सह प्रभारी विनय कुमार, सुशीला कुमारी, करण कुमार सिंह, उषा देवी, शंभू शरण सिंह, शशि शेखर प्रसाद सिंह, हरिनंदन सिंह, सुनील पाण्डेय, दिनेश सिंह, सुधीर कुमार, नरेन्द्र प्रसाद, शिवेन्द्र कुमार, सीताराम प्रसाद, उपेंद्र नाथ सिन्हा सहित सैकड़ों लोगों ने योग शिविर में भाग लिया।
योग शिविर के बाद पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आये आचार्यों ने गायत्री मंदिर के परिसर में शहर के सैकड़ों लोगों के बीच संस्कार शिविर लगाया जिसमें भारतीय संस्कृति और इसकी विशेषता बताई गई। शाम को ही गायत्री मंदिर में आरोग्य व सत्संग सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें सैंकड़ो की संख्या में महिला-पुरुष शामिल हुए।
रिपोर्ट – डी.एस.पी.सिंह