समस्तीपुर/विभूतिपुर:- विभूतिपुर थाना क्षेत्र के तीन अलग-अलग देवी मंदिर, ठाकुरबारी, काली मंदिर से रुपए व जेवरात चोरी का मामला प्रकाश में आया। बताते चलें कि उक्त प्रखंड के खास टभका उत्तर पंचायत के कोरबध्दा टभका गांव वार्ड 4 स्थित श्री राम जानकी ठाकुरबारी से भगवान लालजी के 5 मूर्ति, भगवान शालिग्राम के नौ मूर्ति, एक शंख, दो घड़ीघंट, 3 गरूर घंटी, एक साइकिल, एक आरती थाली, एक घंटी एक मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति ने चोरा कर टभका पंचायत के वनहैती चौक स्थित दुर्गा स्थान मंदिर में रख दिया था। जहां जानकारी मिलने के उपरांत ठाकुरबाड़ी के महंत किशोरी शरण ने स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से उनके मंदिरों से गायब हुए सारे सामान प्राप्त किया। इसकी जानकारी देते हुए श्री महंत ने बताया की चोरा टभका पंचायत के वनहैती गांव वार्ड 16 निवासी रंजीत कुमार ने यह घटना किया जो पागल है।
वहीँ दूसरी ओर उक्त पंचायत के राघोपुर गांव के वार्ड 8 स्थित काली मंदिर से भी एक मटूक, एक पायल, दो चूड़ी जो चांदी का है ।एक नथिया, एक सिकरी जो सोने का एवं दान पेटी से 10000 व पान्नी मे रखें 5000 रुपए दिन के करीबी 11:00 बजे गायब हो गया जिसकी जानकारी मंदिर के पुजारी ने दी। वहीं स्थित मां भगवती मंदिर जो मनोकामना मंदिर के नाम से जाने जाते हैं से देवी के एक बनारसी सारी ,3 मंगलसूत, एक झुमका, एक सिकरी ,एक मटर माला जो सभी सोने है जिसका मूल्य लगभग डेढ़ लाख रुपया आंका गया । को वही मानसिक विक्षिप्त रंजीत कुमार ने दोनों जगह के मंदिरों की जेवरात समेत रकम वही वनहैती चौक स्थित दुर्गा मंदिर में रख दिया। इसकी जानकारी मंदिर के पुजारी सूरज नारायण सिंह ने दिया। यह मामला आग की तरह तब फैल गई जब पुजारी ने शाम को पूजा करने गए तो देखा कि मंदिरों से सारे सामान गायब है। उधर मंदिरों पर रखें जेवर जेबरात को देख कर तरह-तरह की चर्चा हो रही थी किया आया कहां से इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो ग्रामीणों ने पहुंचकर सामानों की पहचान कर मानसिक विक्षिप्त रंजीत कुमार के घर जा दबोचे और उसे जबरन अपने कब्जे में लेकर मारपीट करते हुए घटना स्थल पर ले आया जहां रंजीत कुमार ने अपना गुनाह भी कबूल किया। उधर रंजीत के परिवार और ग्रामीणों ने शंका जताते हुए रंजीत को वापस घर लाने की मांग मौके पर पहुंचे उप मुखिया नागेंद्र राय और अन्य व्यक्तियों से करने लगे और कहीं रंजीत की हत्या ना हो जाए पर अरे रहे। अंत में विभूतिपुर थाने को इसकी जानकारी मिली पुलिस ने अपने दल बल के साथ पहुंचकर
विक्षिप्त व्यक्ति रंजीत कुमार और मंदिर पर रखें सामान को कब्जे में लेकर छानबीन में जुट गई और दोनों तरफ से ग्रामीणों को बुलाकर छानबीन करते हुए और आवेदन नहीं मिलने के कारण विक्षिप्त रंजीत कुमार को छोड़ दिया गया और बरामद समान को वापस कर दिया गया। विदित हो कि रंजीत कुमार 10 वर्ष पूर्व भी मानसिक विक्षिप्त था जिसका इलाज चलने पर सही हो गया था फिर अभी वह करीब 3 माह से मानसिक विक्षिप्त हो गया जिससे अपने घर का सारा सामान नष्ट कर दिया।