झारखण्ड,
बकोरिया पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की सीबीआई जांच शुरू।सीबीआई के सेंट्रल फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर एन बी बर्धन पहुंचे पलामू।
8 जून 2015 को झारखंड के पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया के भेलवाघाटी में हुई पुलिस- नक्सली मुठभेड़ की सीबीआई जांच करने के लिए सीबीआई की सेंट्रल फॉरेंसिक लैब की टीम डायरेक्टर एन बी बर्धन के नेतृत्व में पहुंच चुकी है। आज घटनास्थल पर मुठभेड़ की जांच करेंगे। कल सीबीआई की टीम ने सतबरवा के तत्कालीन थाना प्रभारी मोहम्मद रुस्तम से घंटों पूछताछ की।मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई टीम घटनास्थल पर जाकर सैंपल लेगी एवं कथित मुठभेड़ के दौरान जप्त हथियार और गाड़ियों की भी जांच करेगी। झारखंड के पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में 8 जून 2015 को हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ के मामले में हाईकोर्ट झारखंड के आदेश मिलने के बाद सीबीआई ने पलामू के सदर थाना कांड संख्या 349/ 2015 दिनांक 9 जून 2015 के के स्कोर टेक ओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर रही है। बकोरिया पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में
पलामू पुलिस ने सतबरवा थाना क्षेत्र के भेलवाघाटी में पांच नाबालिग समेत दर्जन लोगों को मार गिरा कर पुलिस-नक्सली मुठभेड़ का किया था दावा।
मारे गए मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका की सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने सीआईडी जांच के आदेश दिए थे।जांचोउपरांत सीआईडी ने पुलिस को क्लीन चिट दी थी । मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताकर हाईकोर्ट में राज्य की जांच एजेंसी सीआईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।
मिली जानकारी के अनुसार बकोरिया कांड में प्राथमिकी दर्ज करने वाला पुलिस अफसर मोहम्मद रुस्तम अपने बयान से मुकर गया है सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद रुस्तम ने अपने बयान में दरोगा हरीश पाठक के बयान का समर्थन किया है साथ ही कहा है कि उसे सीनियर अफसरों ने लिखी हुई प्राथमिकी दी थी उसने सिर्फ हस्ताक्षर किए थे।सीआईडी ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस नक्सली मुठभेड़ की जांच में पुलिस अफसरों को क्लीन चिट देने के लिए जिन ग्रामीणों को गवाह बनाया गया उनमें से अधिकांश गवाह सीबीआई के सामने अपने बयान से मुकर गए उसके बाद सीबीआई ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इस मामले की जांच से जुड़े तमाम अफसर भी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। हालांकि इस बात की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
झारखण्ड ब्यूरो.