मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को सूखे से उत्पन्न स्थिति में हर परिस्थिति से निटपने को तैयार रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने शनिवार को बाढ़ और सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की सात घंटे तक समीक्षा की और सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सूखे कि स्थिति में कृषि क्षेत्र में काम नहीं मिले तो लोगों को वैकल्पिक रोजगार अधिक से अधिक दिला सकें, इसकी तैयारी भी सभी विभाग करें। साथ ही वैकल्पिक फसल के लिए भी योजना बना लें। उन्होंने इस साल भी सूखा पड़ने की आशंता जतायी। सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारी और अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। वह 27 जुलाई को इस मुद्दे पर फिर बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी किसानों को इनपुट अनुदान और फसल सहायता योजना का लाभ मिले, यह सुनिश्चित करें। सर्वे कराएं कि जो कृषि क्षेत्र में मजदूरी नहीं कर रहे हैं, उनके लिए वैकल्पिक रोजगार क्या हैं। मनरेगा, सड़कों, भवनों और स्कूलों के निर्माण, हर घर नल जल, पक्की गली-नाली योजना, चापाकल की व्यवस्था, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पौधे लगाने जैसे कई कार्यों से लोगों को रोजगार दिलाया जा सकता है। मनरेगा के माध्यम से सार्वजनिक तालाबों, पोखर, आहर आदि की खुदाई में कितने काम किये जा रहे हैं, इसके बारे में विभाग और जिलाधिकारी आकलन करते रहें। लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए संबंधित विभाग तैयार रहें। उन्होंने कहा कि हमलोग बिहार का हरित आवरण 17 प्रतिशत करने पर काम कर रहे हैं। वन एवं पर्यावरण विभाग एक अगस्त से डेढ़ करोड़ पेड़ लगाने के लक्ष्य पर का काम करेगा।