लोकसभा की शुरुआत आम बजट की चर्चा से हुई। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया था। वहीं, राज्यसभा में आज आधार संशोधन विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। बता दें कि यह बिल पिछले सप्ताह लोकसभा से पारित हो चुका है, इसके अलावा उच्च सदन में भारतीय दंत चिकित्सा परिषद को और प्रभावी बनाने वाला बिल भी पेश किया जा सकता है।
इधर इन सबके बीच कर्नाटक में कई विधायकों के इस्तीफे के कारण कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) सरकार पर भारी संक्ट के बादल छाते हुए नजडर आ रहे हैं। जहां एक ओर सरकार खुद को बचाने के लिए तमाम तरह की कोशिशों में जुटी हुई है, वहीं बागी विधायकों को मनाने के लिए दोनों पार्टी के मंत्रियों ने अपने-अपने इस्तीफे को सौंप दिए हैं। गौरतलब है कि इसका कोई खास असर होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को यह आरोप लगाया है कि भाजपा ‘शिकारी पार्टी’ है। यही नहीं, लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा के एक सांसद हमारे विधायकों को चार्टेड प्लेन से लेकर गए, उन्होंने कहा कि सरकार तोड़ने के लिए दल-बदलू की कोशिश की जा रही है और इसके लिए केंद्र सरकार बड़ी साजिश रच रही है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि आपके 303 सांसद हैं लेकिन आपका पेट नहीं भरा है, आपका पेट और कश्मीरी गेट बराबर हो गया है।
बताते चलें कि कांग्रेस के आरोप पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यह साफ कहा कि – “कर्नाटक में जो कुछ हो रहा है उसका हमारी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। हमारी पार्टी कभी भी खरीद-फरोख्द में शामिल नहीं रही।” आगे राजनाथ सिंह ने कहा कि “त्यागपत्र का सिलसिला हम लोगों ने चालू नहीं किया… यह सिलसिला कांग्रेस में राहुल गांधी ने शुरू किया है और वही सिलसिला लगातार चल रहा है। उन्होंने ही बड़े-बड़े नेताओं से इस्तीफा देने के लिए कहा था, जिसके बाद कांग्रेस में कई बड़े नेता अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।”
प्रिया सिन्हा
चीफ सब एडिटर.