यमुना एक्सप्रेस वे हादसा भला कैसे भूल सकता है… दिल दहला देने वाली यह घटना डिपो की ऐसी जनरथ बस सोमवार तड़के करीब चार बजे ड्राइवर को झपकी लग जाने से अनियंत्रित हो गई। आपको बता दें कि रेलिंग से टकराते ही बस के अगले पहिए भी निकल गए थे, हांलाकि इससे पहले एक फुट ऊंचे डिवाइडर पर 20 मीटर तक दौड़ती रही। माना जा रहा है कि बस की रफ्तार कम से कम 120 किमी. प्रति घंटा रही होगी। इस हादसे में 29 लोग मारे गए और दुर्घटना में हुए घायलों का कहना है कि बस के ड्राइवर को झपकी आ गई थी, जिस कारण यह हादसा हुआ।
जानें पूरी घटना –
बस (संख्या यूपी 3380/5877) रविवार की रात 11 बजे लखनऊ के आलमगंज डिपो से चली थी। ड्राइवर जिसका नाम कृपा शंकर चौधरी था वह इस बस को चला रहा था और अशनीश मिश्रा परिचालक था। करीब एक बजे कन्नौज में बस रुकी थी, जहां ड्राइवर और सवारियों ने खाना खाया। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से आगरा में आकर इनर रिंग रोड से होकर यमुना एक्सप्रेसवे पर सात किलोमीटर चलने के बाद पहले टोल प्लाजा से आठ किलोमीटर पहले यह दर्दनाक हादसा हुआ।
वहीं, घायल कंडक्टर का कहना है कि ड्राइवर को काफी नींद आ रही थी और तो और बस की स्पीड भी ज्यादा थी। अचानक बस डिवाइडर पर चढ़ गई, आंख खुलते ही ड्राइवर ने स्टेयरिंग घुमाया तो बस रेलिंग से जा टकराई और अगले पहिए निकल गए। स्पीड ज्यादा होने से टक्कर के बाद भी बस रुक नहीं पाई और रेलिंग पर अगले पहियों के घिसटने के बाद गिर गई। बस इसके बाद वहां चीखपुकार मच गई। घायल कंडक्टर शीशा तोड़कर बाहर निकला। ज्यादातर सवारियों की मौत सिर में चोट लग जाने से और फिर पानी में डूब जाने से हुई।
प्रिया सिन्हा
चीफ सब एडिटर