आरा – जल ही जीवन है तथा पानी को बर्बाद ना होने दें बल्कि जल संचयन के कुशल प्रबंधन एवं आधुनिक विकसित प्रणाली द्वारा पानी का सदुपयोग करे। इससे सतही एवं भूगर्भ जल के स्तर को ठीक कर मानव जीवन के लिए सार्थक सदुपयोग किया जा सकता है। ये बातें जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री संजय कुमार राकेश द्वारा जल शक्ति अभियान के सफल एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु कृषि भवन सभागार में आयोजित संबंधित अधिकारियों की बैठक में कहीं। बैठक में जिला प्रशासन की ओर से जल
संरक्षण से संबंधित तकनीकी विभागों द्वारा जल संरक्षण की अद्यतन स्थिति तथा भावी कार्ययोजना स्वच्छ भारत मिशन के प्रेरक श्री निखिल कुमार द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में हर घर नल का जल योजना मनरेगा योजना लघु सिंचाई लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग कृषि विभाग,मत्स्य विभाग, सोन नहर आदि के द्वारा संचालित जल संरक्षण के कार्यों के तहत तालाब /आहार/ पाइन के निर्माण एवं उड़ाही, चापाकल के निर्माण एवं मरम्मति, ट्यूबवेल की स्थिति, नल जल की स्थिति आदि के बारे में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। उल्लेखनीय है कि जल संरक्षण का कार्य दो चरणों में किया जाना है प्रथम चरण में 1 जुलाई से 15 सितंबर तथा द्वितीय चरण में 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक किया जाना है। वर्तमान स्थिति में अभी जल संरक्षण का कार्य के लिए कोइलवर एवं बिहिया प्रखंड को चयनित किया गया है। बैठक में अवगत कराया गया की मत्स्य पालन के लिए कुल 683 तालाब हैं
तथा फार्म तालाब की संख्या 234 है। जिले में कुल 514 ट्यूबेल है जिसमें 217 ट्यूबेल वर्तमान अवस्था में कार्यरत हैं तथा शेष ट्यूबेल की यांत्रिक एवं विद्युत दोष का समाधान कर चालू अवस्था में करने का प्रयास किया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बतलाया कि जिले में कुल चापाकल की संख्या 19273 है। नल जल योजना की समीक्षा करने पर पाया गया की पंचायती राज विभाग के द्वारा 1920 वार्डों में नल जल का कार्य संचालित है जबकि एक 1194 वार्डों में नल जल का कार्य पीएचडी द्वारा संचालित है। जल संरक्षण के तहत वृक्षारोपण कार्य को गति प्रदान करने हेतु वन विभाग एवं जीविका के सहयोग से कार्य कराने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने अवगत कराया की जिले में 18000 स्वयं सहायता समूह है तथा प्रत्येक समूह में 10 सदस्य कार्यरत हैं जिसके कारण जिले में 180000 जीविका दीदी ग्रामीण विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक जीविका दीदी द्वारा एक पेड़ लगाया जाएगा तथा उन्हीं के द्वारा देखभाल की जाएगी जिसके कारण जिले में 180000 पेड़ लग जाएंगे। इनके द्वारा जल संरक्षण कार्य को गति प्रदान करने तथा इसे जन आंदोलन का स्वरूप देने हेतु जन जागरूकता का कार्य जीविका दीदियों के द्वारा किए जाएंगे साथ ही जल सेना एवं जल रक्षक के रूप में कर्मियों की तैनाती की जाएगी तथा इस अभियान को जनमानस से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग एवं सोक पीट का निर्माण सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में भी किए जाएंगे। टीम में जल शक्ति मंत्रालय के श्री रामाकांत प्रसाद एवं केंद्रीय जल आयोग मैथन के उप निदेशक श्री इंद्रजीत कुमार भी शामिल थे। बैठक में जिलाधिकारी श्री रोशन कुशवाहा उप विकास आयुक्त श्री शशांक शुभंकर नगर आयुक्त श्री धीरेंद्र पासवान अपर समाहर्ता श्री कुमार मंगलम सहित संबंधित जिला परिषद अध्यक्षा श्रीमती आरती देवी बिहिया एवं कोइलवर के मुखियागण , संबंधित विभागों के पदाधिकारीगण मौजूद थे।बैठक के उपरांत संयुक्त सचिव की टीम कृषि विज्ञान केंद्र आरा का भ्रमण कर मृदा संरक्षण जिला सिंचाई योजना जल संरक्षण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मौके पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता से जिले में प्रखंड वार वाटर लेवल की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी श्री संजय नाथ तिवारी कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी एवं कर्मी तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता मौजूद थे।
भोजपुर, ब्यूरो