वैशाली थाना क्षेत्र में हुए चर्चित नाबालिग को क्लोरोफार्म सूंघा अगवा कर ले जाकर गैंगरेप मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिए गए मौलाना को 12 वर्ष का कठोर सश्रम कारावास के साथ साथ 50 हजार अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए बुधवार को अपना फैसला सुनाया है। सजा के एलान के बाद कोर्ट ने अर्थदंड की राशि का 95 फीसदी पीड़िता को देने का आदेश दिया है। शेष पांच फीसदी राशि कोर्ट में जमा कराने को कहा है। यह पांच फीसदी राशि बिहार सरकार के खाता में जाएगी। अर्थदंड की राशि नही जमा करने की सूरत में न्यायालय ने सजा पाए अभियुक्त को छह महीने के अतिरिक्त साधारण कारावास का प्रावधान किया है ।
वैशाली थाना क्षेत्र में हुए चर्चित नाबालिग गैंग रेप मामले में अदालत ने गत 02 जुलाई को आरोपी को दोषी करार दिया था। नाबालिग को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में मौलाना को न्यायालय ने दोषी पाया था। 02 जुलाई मंगलवार को साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने तीन आरोपियों में से एक को दोषी करार दिया था। एडीजे प्रथम सह विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्र मिश्रा की अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड विधान 376 के अलावा अलावा पोस्को एक्ट की दफा 6 के तहत दोषी करार दिया था । सजा के बिंदु पर सुनवाई 10 जुलाई को हुई। सरकार की ओर से मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा कर रहे थे। इस मामले में 10 गवाहों की गवाही हुई थी।
20 अगस्त 2015 को वैशाली थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय छात्रा स्कूल पढ़ने गई थी। घर लौटने के समय जब वह टेंपो के इंतजार में सड़क पर थी तभी मौलाना मो. इस्लाम, दिलशान रहमान उर्फ समसी व मो. एजाज अख्तर वहां पहुंच गए। कोई बेहोश होने वाली दवा जबरन नाक पर रख कर बेहोश कर दिया और उठा ले गए। वहां मौलाना मो. इस्लाम के साथ उनके शागिर्द तीन युवकों ने बारी-बारी से बच्ची को दुष्कर्म का शिकार बनाया था।
मौलाना ने ही छुट्टी रखने का मैसेज पीड़िता को भेजा था
घटना के एक दिन बाद 21 अगस्त को पीड़िता की मां के बयान पर वैशाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। घटना वाले दिन मौलाना मो. इस्लाम ने छुट्टी ले रखी थी। उसका कुछ बिना लिखा हुआ मैसेज पीडिता के मोबाइल पर आया था जो की वह घर में ही छोड़कर घटना वाले दिन स्कूल गई थी। इसी बिना पर शक हुआ तो मौलाना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया पूछताछ के दौरान ही उसने सच कबूल कर लिया। इसके बाद पीड़िता को पुलिस ने मुजफरपुर से बरामद कर लिया।
नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की खबर फैलते ही गांव का माहौल बिगड़ गया था। हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि पुलिस को 15 दिनों के करीब वहां कैम्प करना पड़ा था। हफ्ते भर से ज्यादा दिनों तक पुलिस के आला अधिकारियों का मौके पर आना जाना कायम था। इस बीच पीड़ित का मेडिकल भी सदर अस्पताल में करवाया गया था। इसके बाद पीड़िता का अधिकारी बयान भी दर्ज किया गया था। बाद में धीरे धीरे मामला शांत हुआ था।
न्यायालय के इस फैसले का बहुत अच्छा प्रभाव समाज पर पड़ेगा। फैसले के बाद इस तरह के अपराध करने का विचार रखने वाले व्यक्ति सौ बार सोचेंगे।
बिहार ब्यूरो