मानसून की बारिश अब बिहार को बदहाल करने लगी है। रही-सही कसर अब बाढ़ पूरी करने में लग गयी है। बाढ़-बारिश से खासकर उत्तर
बिहार त्राहिमाम कर रहा है। बारिश और बाढ़ का कहर देखते हुए सीतामढ़ी में डीएम रंजीत कुमार ने जिले में सभी सरकारी व गैरसरकारी
स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है। सीतामढ़ी के सुप्पी में परसा के पास तटबंध टूटने से लोगों में हाहाकार मच गया है। इसी तरह,
सुपौल में कोसी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। वहां का सुरक्षा तटबंध टूट गया है। कोसी के भी जल स्तर बढ़ा।गंगा के जल स्तर में वृद्धि देखा जा रहा है, जबकि कमला, बागमती समेत अधवारा समूह की नदियां उफनाई हुई हैं। यह सब नेपाल मेंभारी बारिश और वहां की पहाड़ी नदियों में काफी पानी आ गया है। नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में बांधों के टूटने व नदियों के उफान पररहने से कई घरों में पानी घुस गया है। लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। वहीं सरकार ने भी माना है कि बिहार के छह जिलों में बाढ़ का प्रकोपजारी है। इसमें मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सीतामढ़ी, शिवहर और पूर्वी चंपारण शामिल हैं। वहीं गोपालगंज में भारी बारिश से दोमंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। घर के लोग बाल-बाल बचे, लेकिन लाखों का नुकसान हो गया।
सीतामढ़ी जिले में लगातार जारी बारिश के बाद इलाका बाढ़ की चपेट में है। शनिवार को सुप्पी प्रखंड के परसा गांवमें बागमती नदी का तटबंध टूटने से सुप्पी और मेजरगंज के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं हजारों हेक्टेयर खेत में लगीफसलें दह गईं। अफरातफरी के बीच लोग स्कूल और सामुदायिक भवन समेत ऊंचे स्थलों पर पनाह लेने को विवश हैं। बड़ी संख्या में लोगपलायन कर रहे हैं। डीएम ने जिले सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को 20 जुलाई तक बंद रखने का निर्देश दिया है। इधर, बागमती,लखनदेई, झीम, रातों, मरहा और लालबकेेया आदि नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बेलसंड के मारड़ के पास बागमती नदीमें जबरदस्त कटाव जारी है। अधिकारियों की टीम बांध मरम्मत में लगी है। लोगों में दहशत है।इधर, सोनबरसा और परिहार के नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सोनबरसा में थाना परिसर और एसएसबी कैंप में पानी घुसगया है। सोनबरसा-नेपाल सड़क पर चार फीट पानी का बहाव जारी है। मेजरगंज प्रखंड के दर्जनों गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्कभंग हो गया है। बाढ़ का पानी प्रमुख सड़कों और लोगों के घरों में बह रहा है। बैरगनिया में बागमती और लालबकेया नदी उफान पर है।इसके चलते लगातार पांचवें दिन भी बैरगनिया का पूर्वी चंपारण जिले से सड़क संपर्क भंग है। बागमती नदी का पानी बैरगनिया केनिचले इलाकों में फैल रहा है।
उधर, बैरगनिया-गौर सड़क पर आठ फीट पानी का बहाव जारी रहने के कारण बैरगनिया का नेपाल से सड़क संपर्क टूट गया है। बारिशजारी रहने से लोगों के लिए खुले आसमान के नीचे वक़्त गुजारना मुश्किल हो गया है। जबकि, जिले के 400 गांवों में बाढ़-बरसात केचलते बिजली गुल हो गई है। शनिवार की सुबह नौ बजे तक जिले में 126.2 एमएम बारिश रिकार्ड किया गया है। जबकि शुक्रवार को154 एमएम बारिश हुई थी।डीएम रंजीत कुमार सिंह ने बाढ़ के मद्देनजर अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है। समाहरणालय में बैठक के दौरान
डीएम ने अधिकारियों की अलग-अलग टीम का गठन कर इलाकों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद डीएम डॉ. सिंह और एसपी अनिल
कुमार अधिकारियों की टीम के साथ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के लिए रवाना हो गए। इधर, बाढ़ के चलते शनिवार को
सीतामढ़ी-बैरगनिया-रक्सौल रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई। वहीं सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर रेनकट की मरम्मत
कर ली गई है। शनिवार से इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है। सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन पूर्ववत जारी
है।
गोपालगंज जिले के भोरे थाना क्षेत्र के पड़ौली गांव में तेज बारिश के बीच एक तीन मंजिला मकान भरभरा कर गिर गया। मकान झुकते
देख समय रहते घर के सदस्यों ने घर से बाहर निकल कर अपनी जान बचाई। इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। मकान गिरने से इस
परिवार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। पड़ौली गांव निवासी संतोष पाण्डेय तथा इनके परिवार के सदस्य खाना खाने के बाद अपने
तीन मंजिला मकान में सो रहे थे। रात में तेज हवा के साथ जोदार बारिश हो रही थी। बारिश के कारण विद्युत सप्लाई भी ठप थी। तेज
बारिश और अंधेरे के बीच अचानक संतोष पाण्डेय को अपने मकान के हिलने का आभास हुआ। घर में सो रहे अन्य लोगों ने भी ऐसा ही
महसूस हुआ। घर के लोगों को लगा कि भूकंप का झटका है। बाहर निकल कर जब लोगों ने देखा तो उनका तीन मंजिल का मकान एक
तरफ झुका हुआ था। मकान झुका देख घर में सो रहे अन्य सदस्य भी भाग कर घर से बाहर आग गए। तभी मकान भरभरा कर गिर
गया।
पूर्वी चंपारण जिले में हुई भारी बारिश के बाद यहां की नदियों में उफान है। बागमती व लालबकेया खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
पताही, ढाका व फेनहारा के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पताही के जिहुली में ढाका पूर्व विधायक अवनीश सिंह और मुखिया
के घर में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। गांव के लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने को लेकर जिलाधिकारी ने
अंचलाधिकारी को निर्देश दिया है। उधर, गंडक व बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि होने के साथ तटबंधों पर दबाव बढ़ने
लगा है। चिरैया, पकड़ीदयाल, तेतरिया, सुगौली में नदियों से सुरक्षा के लिए बनाए गए बांधों पर रेनकट हुआ है। उन्हें भरने के लिए
सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। वहीं वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में छोड़ा गया 1.91 क्यूसेक पानी। इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया
है। हालांकि गंडक अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है।