श्रतिक रोशन स्टारर फिल्म “सुपर 30” रिलीज़ हो गई है और लोगों की अच्छी रेस्पोंस भी मिल रही है व साथ ही अच्छे पैसे भी कमा रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस गणितज्ञ आनंद कुमार के ऊपर यह फिल्म सुपर 30 बनी है वह वाकई कितने सच्चे हैं या फिर झूठे हैं???
आपको जानकर हैरानी होगी कि सुपर 30 में छात्रों को सुपर बनाने के लिए आनंद कुमार ने कैसे-कैसे झूठ और धोखे का सहारा लिया है… सूत्रों की मानें तो एक गरीब बच्चे के दर्द को बेचकर सुपर 30 के आनंद तो पूरी दुनिया के लिए महान ज़रूर बन गए लेकिन यह कोई नहीं जानता कि उसी बच्चे को दुत्कार कर भगाने के बाद फिर उसे ही पोस्टर ब्वॉय भी बना दिया उन्होंने। यही नहीं, सुपर 30 के नाम पर यहां रामानुजम क्ला सेज भी चलती है, जिसके लिए खुद आनंद कुमार मोटी फीस वसूल करते हैं।
आइये जानते हैं किस तरह होता है सुपर खेल 30 –
नालंदा के एक गरीब अंडा बेचने वाले का बच्चा जब सुपर 30 में एडमिशन लेने गया तो उसे पढ़ने में कमजोर बताकर रामानुजम क्लासेज में पढ़ने को मजबूर कर दिया गया, लेकिन जब उसी बच्चे ने घर पर खुद से मेहनत की और आइआइटी क्वालिफाई कर गया तो उसकी गरीबी का दर्द बेचने के लिए आनंद कुमार ने उसे वापस बुलाया और उसे पोस्टर बॉय बना दिया। फिर जब इस बच्चे का 2017 में हैंडिकेप कैटेगरी में 73वां रैंक आया तो उसे ऑल इंडिया में 73 बताकर वाहवाही भी खूब लूटी।
आनंद के परिवार ने बना ली सुपर प्रॉपर्टी –
साइकिल पर घूम-घूमकर आनंद कुमार ने खुद पापड़ बेचकर पढा़ई की और आज गरीबों के मसीहा बनकर बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं। यह सत्य है कि आनंद ने खुद गरीबी ज़रूर देखी है और बहुत कष्ट भी झेला है। उनकी विद्वता पर कोई शक नहीं लेकिन सुपर 30 के बहाने उन्होंने जो गरीबों को धोखा देने का काम जो उन्होंने किया है वो सही नहीं है। अब बड़ा सवाल यहां यह है कि बीते हर साल उनके भाई, मां, पत्नी और भाई की पत्नी करोड़ों की संपत्ति कैसे खरीद रहे हैं? आज उनकी मां के पास करीब 22 प्लॉट हैं। क्या गरीब बच्चों को बिना फीस के पढ़ाकर कोई करोड़ों की संपत्ति बना सकता है??? यह बात थोड़ी हजम नहीं होती…
सुपर 30 का यह दर्दनाक सच…
सुपर 30 के नाम पर रामानुजम क्लासेज चलाते हैं आनंद कुमार… जहां हजारों बच्चे पढ़ा करते हैं। किन-किन स्टूडेंट्स का कब और कैसे सुपर 30 में एडमिशन हुआ यह किसी को नहीं पता चलता है। रामानुजम में पढ़ने वाले बच्चों से हर साल करोड़ों की फीस वसूली की जाती है। रामानुजम में गरीबी कहीं से भी नहीं दिखती है। बड़ा सवाल यह है कि सुपर 30 के स्टूडेंट्स की डिटेल मिले तो पता चले कि वह गरीब हैं या अमीर… इस बात का पता किसी को नहीं चल सका है और ना आगे चल पायेगा।
कौशलेन्द्र पराशर
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Veerendra
Good information