काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर सेंट्रल गरीब रथ ट्रेन को मेल एक्सप्रेस में तब्दील करने के बाद यह सवाल उठा था कि क्या भारतीय रेलवे से गरीब रथट्रेनों की विदाई शुरू हो गई है? हालांकि, रेलवे बोर्ड ने अब स्पष्ट किया है कि गरीब रथ ट्रेनें पहले की तरह जारी रहेगी और इन्हें बंद करने की कोई योजना नहीं है। जिन दो जोड़ी गरीब रथ ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस में बदला गया था, उन्हें दोबारा पुरानी श्रेणी में 4 अगस्त से चलाया जाएगा।
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस समय 26 जोड़ी गरीब रथ ट्रेनें चल रही हैं। ये वातानुकूलित गाड़ियां कम किराये की वजह से बहुत लोकप्रिय हैं। इन्हें बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।फिर से यात्री 40 फीसद कम किराए में एसी में सफर कर पाएंगे।
इसकी पुष्टि सीपीआरओ दीपक कुमार ने की है।
गौरतलब है कि पूर्व रेल मंत्री लालू यादव ने 2006 में मध्यम और निम्न-आय वर्ग के मुसाफिरों के लिए एसी थ्री-टीयर गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत की थी। इन ट्रेनों को चलाने का उद्देश्य एसी ट्रेन यात्रा को मध्य और निम्न-आय के लिए सस्ती और किफायती बनाना था। पहले ‘गरीब रथ’ को बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर तक चलाया गया था।
निखिल दुबे