इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशनo (ISRO) चंद्रयान-2 को आज (22 जुलाई) की दोपहर 2.43 pबजे लॉन्च कर दिया गया। आपको बता दें कि, पहले चंद्रायन-2 का लॉन्च 15 जुलाई की रात 2.51 बजे होने वाला था, लेकिन कुछ तकनीकी खामियां पाए जाने के बाद रॉकेट को लॉन्च से ठीक 56.24 मिनट पहले ही रोक दिया गया था। हालांकि इस मिशन को लेकर इसरो ने कई बदलाव किए हैं जिससे लॉन्चिंग में होने वाली देरी का प्रभाव नहीं होगा।
चंद्रयान 2 से जुड़ी खास बातें –
भारत के लिए दूसरा सबसे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन है चंद्रयान-2, जिसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (GSLV Mk-III) से लॉन्च किया गया है।
640 टन का जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (GSLV Mk-III) रॉकेट 44 मीटर लंबा है। इस रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान है जिसे ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। बता दें कि चंद्रयान-2 का बजट 978 करोड़ रुपये है और इसका मकसद भारत को चंद्रमा की सतह पर उतरने और उस पर चलने वाले देशों में शामिल करना है।
चंद्रायन-2 चांद पर कब पहुंचेगा???
दिलचस्प बात यह है कि चंद्रयान 2 लॉन्चिंग में हुए समय के परिवर्तन के कारण चांद पर पहुचने की तारीख में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-2 को चांद पर पहुंचने में सिर्फ 48 दिन ही लगेंगे… यानी कि चंद्रयान-2 चांद पर 6 सितंबर को ही चांद पर पहुंच जाएगा।
आपको बता दें कि, पृथ्वी और चांद की दूरी करीब 3.844 किलोमीटर है। इस मिशन के 3 मॉड्यूल्स हैं – लैंडर, ‘विक्रम’ और रोवर प्रज्ञान है। लैंडर और विक्रम सितंबर या अक्टूबर में चांद पर पहुंचेगा और इसके बाद वहां प्रज्ञान काम शुरू करेगा।
अब तक इसरो ने 3 जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट भेजे हैं। पहला रॉकेट 18 दिसंबर 2014 को, दूसरा 5 फरवरी 2017 को और तीसरा 14 नवंबर 2018 को भेजा गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो के पुरे टीम को बधाई दी. साथ ही बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने भी दी बधाई.
प्रिया सिन्हा
न्यूज़ एडिटर