का० एके राय (अरूण कुमार राय) संत की तरह जीवन गुजारे हैं अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। इनका जन्म १५ जून १९३५ को ग्राम सपुरा, ज़िला राजशाही (पूर्वी बंगाल) अब बांग्लादेश।
इनका राजनीति जीवन पहली बार CPI (M) के विधायक सिंदरी विधानसभा (धनबाद) १९६७ में हुए, CPI (M) दुसरी बार विधायक १९६९ में हुए और तीसरा दफा जनवादी किसान संग्राम समिति के विधायक हुए।
सांसद पहली बार १९७७ मे जेल में रह कर लडे दूसरी बार १९८० और तीसरी बार १९८९ धनबाद के सांसद रहे। अपने पुरे जीवन में सांसद पेंशन एवं अन्य सरकारी सुविधा नहीं लिया तथा उस रकम को देशहित में राष्ट्रपति कोष में दान दें दिया। राय साहब कभी अपने जीवन में पक्के की मकान या बिजली पंखे का इस्तेमाल नहीं किए इन्होंने पुरी ज़िन्दगी ग़रीब और मज़दूरों के लिए ख़ुद समर्पित रखा।
इन्होंने अपना गृहस्थी नहीं बसाई शादी नहीं की। ये अपने विचारों के धनी कभी राजनेतिक जीवन में किसी भी तरह के विवाद में नहीं फंसे । रविवार को सुबह ११:१५ बजे केन्द्रीय अस्पताल (धनबाद) के डा.बीके पांडे वो डा.
सुनिल कुमार ने मासस के संत को मृत घोषित कर दिया। आज शाम ४ बजे मोहुल बगान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ इनका अंतिम संस्कार किया गया पुरा झारखंड नम आंखों से अपने प्रिय नेता को हमेशा के लिए विदा किया।
उमर फारुख