कांग्रेस के वॉकआउट के बीच लोकसभा ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (यूएपीए) संशोधन बिल 2019 को पास कर ही दिया है। बता दें कि बिल के पक्ष में 288 जबकि विपक्ष में आठ वोट पड़े हैं। वहीं, इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का सिलसिलेवार जवाब भी दिया है।
उधर बिल पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष रखा है। गृह मंत्री ने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार ज़रूर लड़ती है लेकिन कौन-सी पार्टी उस समय सत्ता में हैं उससे उसको कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। यही नहीं, विपक्ष को मुद्दे उठाने हैं तो अवश्य उठाएं, लेकिन यह कह कर नहीं उठाने चाहिए कि यह हम लेकर आए, और वो यह लेकर आए…
अमित शाह ने आगे कहा कि व्यक्ति विशेष को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान पर विपक्ष का कहना है कि इसे करने की जरूरत ही क्या है??? हमें यह ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है कि मसूद अजहर को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित किया है। जब हम किसी संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित करते हैं तो वह मौजूदा संगठन बंद करके दूसरा संगठन खोल लेते हैं। यही नहीं, सभी दलों ने एक सवाल उठाया कि व्यक्ति विशेष को आतंकवादी घोषित नहीं करना चाहिए, ऐसा करने के लिए कानून ही नहीं बल्कि प्रक्रिया पर भी ध्यान दें।
व्यक्ति विशेष को आतंकी घोषित करने के प्रावधान पर अमित शाह ने कहा कि यूएन सहित अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, इजराइल, यूरोपियन यूनियन में भी इसका प्रावधान है।
बात अगर अमरोहा केस की करें तो अमित शाह ने यह साफ कहा कि – “मैं आपको बता दूं कि पुलिस को दोष देना आसान होता है, 14 लोगों को हिरासत में लिया गया, 4 लोगों को इस वजह से जाने दिया क्योंकि उनके पास जेल में रखने लायक पर्याप्त सबूत नहीं थे… लेकिन उन्हें जमानत दी गई है, अपराध मुक्त नहीं किया गया, जब हम बातों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं तो जनता में गलत संदेश जाता है…”
वहीं, इससे पहले चर्चा में हिस्सा लेते हुए ओवैसी ने कहा कि – “मैं कांग्रेस पार्टी को इसके लिए दोषी मानता हूं। वो यह कानून लाने के लिए असल दोषी हैं। जब वह सत्ता में होते हैं तो भाजपा से बड़े हो जाते हैं और जब सत्ता चली जाती है तो मुसलमानों के भाई बन जाते हैं…”
प्रिया सिन्हा
न्यूज़ एडिटर