बिहार के सुपौल जिले से एक बडी खबरें आ रही है कि प्रकृति कि मार झेल रहे बाढ़ पीड़ित जहां एक तरफ बाढ़ राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं वहीं राहत शिविर में
पीड़ितों को राहत सामग्री में अनियमितता कि मार भी झेलनी पड़ रही है , शिविर में मौजूद पीड़ितों का आरोप है कि उसे बदबूदार चुरा दिया जा रहा है जो खाने लायक नहीं है ,
इतना ही नहीं जहां दो किलो चूड़ा का प्रवधान है वहां मात्र सवा से डेढ़ किलो ही चुरा का वितरण किया जा रहा है जिससे पीड़ित आहत हैं और अपने नाराजगी आक्रोश के साथ व्यक्त भी कर रहे हैं पीड़ितों का आरोप है कि सरकार उन्हें राहत के तौर पर राशन देने कि बात कही जाती है पर निचले स्तर पर व्याप्त अनियमितता के कारण उसे इसका
फायदा नहीं मील पा रहा है आरोप ये भी लगाया कि स्थानीय जन प्रतिनिधि द्वारा जो सूचि दी जाती है उसका अमल नहीं किया जाता है और कर्मचारी खुद अपने हिसाब से मनमाने तरीके से राहत का वितरण करते हैं , वहीं शिविर में मौजूद कर्मचारी ने सफाई देते हुए कहा कि उसे जितना वितरण के लिए अनाज राशन दिया जाता है उसी में सबको देना रहता है लिहाजा कम ज्यादा देनी पड़ती है .
बाइट –बाढ़ पीड़ित .
बाइट -_शशि खां, कर्मचारी
रामा शंकर