पटना,३ अगस्त। आगामी ११ अगस्त को, बिहार की गौरवशाली साहित्यिक संस्था बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के शती–वर्ष में,देश के चुने हुए प्रतिभाशाली हिंदी–सेवी युवा साहित्यकारों को, ‘साहित्य सम्मेलन शताब्दी–सम्मान‘से विभूषित किया जाएगा। इस सम्मान–समारोह में अंडमान निकोबार से लेकर कश्मीर और कन्याकुमारी से लेकर उत्तर–पूर्व के सभी प्रांतों से चुने गए युवा साहित्यकारों, जिनमें ५० युवतियाँ भी सम्मिलित होंगी, को यह सम्मान दिया जाएगा। सम्मानित युवाओं पर, ‘भारत के १०० युवा साहित्यकार‘ नामक एक पुस्तक का भी प्रकाशन होगा,जिसमें एक पृष्ठ उनके परिचय और कुछ पृष्ठ उनकी रचनाओं के लिए दिए जाएँगे। सम्मान–समारोह के पश्चात,संध्या में, ‘राष्ट्रीय युवा–कवि–सम्मेलन‘का भी आयोजन होगा,जिसमें सम्मानित कविगण अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ करेंगे। अगले दिन १२ अगस्त को, ‘राजभाषा के संबंध में देश के युवाओं के विचार‘ विषय पर दो सत्रों में विचार–गोष्ठी होगी।
यह जानकारी, शनिवार की संध्या, साहित्य सम्मेलन–सभागार में आयोजित एक संवाददाता–सम्मेलन में, सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने दी। डा सुलभ ने बताया कि, ११ अगस्त के अपराह्न २–३० बजे झारखंड की महामहिम राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू समारोह का उद्घाटन तथा युवाओं का सम्मान करेंगी। इस अवसर पर बंगाल के निवर्तमान राज्यपाल डा केशरी नाथ त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। देश के सुख्यात गीतकार पं बुद्धिनाथ मिश्र समेत कई अन्य विद्वान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
डा सुलभ ने कहा कि, सम्मेलन की स्थापना के इस गौरवशाली शती–वर्ष में अनेक ऐतिहासिक महत्त्व के आयोजन होने जा रहे है, जो संपूर्ण भारतवर्ष के लिए,दृष्टांत सिद्ध हुए हैं। विगत २६ मार्च को देश की १०० विदुषियों का तथा ९ जून को १०० मनीषी विद्वानों का सम्मान कर, साहित्य सम्मेलन ने इतिहास रचा है,जिसकी संपूर्ण भारतवर्ष में हीं नही, विदेशों में भी व्यापक चर्चा हुई है।
डा सुलभ ने कहा कि सम्मान समारोह की तैयारियाँ लगभग पूरी हो गई हैं, सम्मान हेतु ८० से अधिक नामों पर निर्णय हो चुका है। अगले एक–दो दिनों में चयन के कार्य पूरे हो जाएँगे।
संवाददाता–सम्मेलन में, साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्रनाथ गुप्त, डा शंकर प्रसाद, डा मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह, साहित्य मंत्री डा भूपेन्द्र कलसी,योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, जियालाल आर्य, डा शांति जैन, राज कुमार प्रेमी, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, सुनील कुमार दूबे, डा मेहता नगेंद्र सिंह, पूनम आनंद, डा सुलक्ष्मी कुमारी, डा पुष्पा जमुआर, डा विनय विष्णुपुरी, डा नागेश्वर यादव, कृष्ण रंजन सिंह, डा अमरनाथ प्रसाद, पं गणेश झा, ओम् प्रकाश पाण्डेय, डा आर प्रवेश आदि उपस्थित थे।
राकेश राय