एक एनपीएस बिंद टोला जो महिषि पुनर्वास उत्तरी के अंतर्गत आता है जो कि एक महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा उदाहरण है .यह नवसृजित विद्यालय एक कमरे से ही चलती है यह एक सरकारी भवन है जहां 100 बच्चे नामांकित हैं टीचर के नाम पर दो महिला टीचर हैं जहां ना पीने के लिए पानी है और ना ही बाउंड्रीज है इतनी सारी समस्याएं होने के बावजूद भी 2 महिला टीचर जुनून के साथ स्कूल का संचालन करती है यहां ना तो शौचालय है एचएम रंजू लता का कहना है स्वस्थ भारत अभियान का हम लोग घर घर जाकर प्रचार-प्रसार करती हूं हर घर में शौचालय हो पर हमारे विद्यालय में ही शौचालय नहीं है जबकि मैं कई बार आवेदन दे चुकी हूं पर कोई कार्यवाही नहीं होती है इसका जिम्मेवार कौन है यहां का स्थानीय प्रशासन या नीतीश कुमार
सहरसा से संवादाता जनिश आलम की रिपोर्ट