पटना,
आज पटना के अभिलेखागार भवन में मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग के द्वारा 3 साहित्यकारों मैथिलीशरण गुप्त बाबू गंगा शरण सिंह और तुलसीदास की जयंती का आयोजन किया गया पूरा दिन चलने वाला यह कार्यक्रम दो सत्रों में विभक्त था प्रथम सत्र में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त और बाबू गंगा शरण जी को याद किया गया जबकि द्वितीय सत्र में तुलसी जयंती आयोजित की गई दोनों सत्रों की अध्यक्षता हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष श्री शतरंज ने की विशिष्ट अतिथि भाग्य विशेष सचिव डॉ उपेंद्र नाथ पांडेय थे दो हटा दी प्रज्वलन पुष्पांजलि आदि प्रारंभिक औपचारिकताओं के उपरांत निर्देशक इम्तियाज अहमद करीमी ने स्वागत भाषण के तीनों साहित्यकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर संक्षिप्त प्रकाश डाला और हमारे जीवन में उनके साहित्य की प्रासंगिकता को भी रेखांकित किया वहीं पर प्रथम सत्र में जेडी विमेंस कॉलेज पटना की अध्यापिका डॉक्टर छाया सिन्हा ने मैथिलीशरण गुप्त को अपने व्याख्यान का विषय बनाते हुए कहा कि गुप्तजी विधि यूके सर्वाधिक व्यापक और गतिशील व्यक्ति थे उनमें महान कवि की समस्त विशेषताएं थी महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से जब उन्होंने खड़ी बोली में लिखना शुरू किया तो देखने वाले
चमत्कृत रह गए साकेत सर्वश्रेष्ठ रचना है इसमें गुप्तजी ने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संयुक्त परिवार के आदर्श को उसके यथार्थ के साथ रखा
राजीव कमल