सिक्किम में सबसे बड़ा सियासी खेल सामने आया है… दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग की पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के दस विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। बता दें कि सभी विधायक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव राम माधव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए हैं।
वहीं, विधानसभा चुनाव में 25 साल से सत्ता में काबिज पवन कुमार चामलिंग की पार्टी को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ रहा है। उधर मुख्य विपक्षी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने जीत हासिल कर ली है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चामलिंग की एसडीएफ पार्टी ने 32 में से पूरे 15 सीट हासिल कीं, जबकि 2013 में अस्तित्व में आए एसकेएम ने 17 सीटें हासिल कर ली हैं और बहुमत के लिए भी 17 सीटें ही चाहिए थी।
गौरतलब है कि यहां राष्ट्रीय पार्टियों की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। साल 1994 से एसडीएफ के नेता पवन कुमार चामलिंग राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे।
जहां एक ओर चामलिंग पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनकी पार्टी की हार से राज्य में 25 साल का दौर खत्म हो गया है। लेकिन चामलिंग ने जिन दो सीटों पर चुनाव लड़ा है वहां उन्होंने जीत हासिल कर ली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चामलिंग ने नामची सिंह थांग और पकलोक विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा था।
बताते चलें कि उन्होंने नामची सिंह थांग सीट से 377 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। वहीं, पकलोल से उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के खड़क बहादुर राय को 2,899 वोटों से परास्त कर दिया है।
रजनीश कुमार