उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जब अटल बिहारी वाजपेयी पीएम थे तब वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना चाहते थे, लेकिन उस समय भाजपा के पास बहुमत नहीं था। अभी भाजपा के पास बहुमत है। बहुमत होने पर पीएम नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का सपना साकार किया।
शुक्रवार को बीआईए में अटल स्मृति व्याख्यान के तहत ‘अटलजी के सपनों का कश्मीर’ विषय पर आयोजित सेमिनार में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर मसले पर नेहरू ने अनगिनत गलतियां कीं। उनके भयंकर भूलों की लंबी कहानी है। युद्धविराम की घोषणा हो या कश्मीर मामले को यूएनओ में ले जाना, अनुच्छेद 370 का दर्जा देना जैसे काम कर नेहरू ने ऐतिहासिक भूल की। सरदार पटेल की कूटनीति के कारण 500 से अधिक देसी रियासतें भारत में शामिल हुईं। कश्मीर में अस्थायी तौर पर लागू अनुच्छेद 370 के मसले पर ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था। कश्मीर के मसले पर अटलजी कहते थे कि भारत युद्ध में नहीं, संधि में हारा। अगर सरकार को लगता है कि लोग कश्मीर में जमीन खरीद लेंगे तो इसके लिए डिप्टी कमिश्नर का आदेश ही काफी था। इसके लिए 370 की क्या जरूरत थी? अनुच्छेद 370 हटने पर अब कश्मीर में देश का सभी कानून लागू होगा।
सवाल उठाने वालों पर किया पलटवार
तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की नजरबंदी पर सवाल उठाने वालों पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने शेख अब्दुल्ला को 11 साल तक जेल में बंद रखा। क्या कश्मीर में पहली बार कर्फ्यू लगा है? 10 साल तक इंटरनेट सेवा कश्मीर में लागू नहीं हुई। अभी सरकार ने ऐहतियाती कदम उठाए हैं तो सवाल किए जा रहे हैं। जनमत का ही दबाव था कि बसपा जैसी दर्जनभर पार्टियों ने इस मसले पर समर्थन दिया। विधान पार्षद डॉ. संजय पासवान ने कहा कि अटलजी की सोच कश्मीर को लेकर शुरू से ही जगजाहिर रही है। सेमिनार में आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर, विधायक संजीव चौरसिया, बीआईए के अध्यक्ष केपीएस केसरी, डॉ. लक्ष्मी नारायण सिंह, डॉ. दीप्ति कुमारी ने भी विचार रखे। संयोजन केके ओझा ने किया।
संजय कुमार,पटना