हरियाणा में कलह से जूझ रही कांग्रेस के सामने अब मध्य प्रदेश में संकट खड़ा होता दिख रहा है। प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी और उनके समर्थन में कार्यकर्ताओं की इस्तीफे की धमकी के बीच सीएम कमलनाथ शुक्रवार सुबह सोनिया गाँधी से मिलने दिल्ली पहुंचे। मुलाकात के बाद लौटे कमलनाथ ने सोनिया गांधी से तमाम मुद्दों पर बातचीत की बात कही, लेकिन यह भी
ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांगों को लेकर कमलनाथ ने कहा कि मैं तो खुद ही मांग कर रहा हूं कि सूबे में नया अध्यक्ष चुना जाए। उन्होंने कहा कि जब मैं सीएम बना तभी मैंने कहा था कि अब नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। कमलनाथ ने कहा, ‘मैं बीते छह महीने से लगा हूं कि पार्टी का नया अध्यक्ष चुना जाए। तब कहा गया था कि लोकसभा चुनाव तक बना रहूं।’ एमसी के सीएम ने सोनिया से मीटिंग को लेकर कहा, ‘मीटिंग में कई मुद्दों पर बात हुई, इनमें प्रदेश संगठन का विषय भी था। हमेशा की तरह इस बार भी बातचीत काफी उपयोगी रही।’
ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के सवाल पर बोले, मुझे नहीं लगता कि वे नाराज हैं। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को हाल ही में पार्टी ने महाराष्ट्र में स्क्रीनिंग कमिटी का चेयरमैन बनाया है, जो सूबे में टिकट बंटवारे की पर फैसला लेगी। इसके बाद से ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य को प्रदेश में जिम्मेदारी दिए जाने की मांग कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें वेस्ट यूपी का प्रभारी बनाए जाने के बाद भी ऐसी मांगें उठी थीं।
दतिया से कांग्रेस नेता अशोक डांगी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि यदि सिंधिया को सूबे की राजनीति से दूर रखा दया तो फिर वे 500 कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी छोड़ देंगे। यही नहीं पार्टी की मुरैना यूनिट ने भी सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है।
कौशलेन्द्र