पंजाब
भारतीय वायुसेना ने अमेरिका निर्मित आठ लड़ाकू हेलीकॉप्टरों’ को मंगलवार को अपने बेड़े में शामिल किया। इन हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल किये जाने से बल की मारक क्षमता में ऐसे समय महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है । पठानकोट एयरबेस मे मंगलवार को आठ ‘अपाचे एएच-64-ई ‘ लडाकू हेलीकाप्टर वायुसेना मे शामिल किये गए । इस हेलिकॉप्टर के आने से वायुसेना की ताकत काफी बढ गई है ।अपाचे को वायु सेना मे शामिल करने के लिए हुए समारोह मे एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ बतौर मुख्य अतिथी शामिल हुए ।समारोह मे हेलिकॉप्टर की प्रतीकात्मक चाबी वायुसेना प्रमुख को सौपी ।तैनाती से पहले अपाचे हेलिकॉप्टर्स को वॉटर कैनन से सलामी दी गई।वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि यह विश्व का सबसे घातक हेलिकॉप्टर है। यह कई मिशन को पूरा करने का क्षमता रखता है। इसके तैनाती के साथ ही वायुसेना अटैक हेलिकॉप्टर्स के आधुनिक संस्करण से लैस हो गई है। ये हेलिकॉप्टर एमआई-35 हेलिकॉप्टर की जगह लेंगे।आपको बता दें कि 22 अपाचे हेलीकॉप्टर के लिये 2015 में भारत और अमेरिकी सरकार के बीच समझौता हुआ था.यह एक उन्नत बहु-मिशन हेलिकॉप्टर है जो दुनिया भर में कई देशों द्वारा संचालित किया जा रहा है। मार्च 2020 तक वायुसेना को पूरे हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे। इन हेलिकाप्टरों को भारत के पश्चिमी क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।अपाचे हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए 2 पायलट होने जरूरी हैं. इसकी ऊंचाई 60 फुट है और चौड़ाई करीब 50 फुट है. अपाचे हेलिकॉप्टर के बड़े विंग को चलाने के लिए 2 इंजन होते हैं, इस वजह से इसकी रफ्तार बहुत ज्यादा है.
कौशलेन्द्र