मेरठ,
उत्तर प्रदेश के मेरठ में छापेमारी में करीब 71 हजार लीटर केरोसिन मिलने के बाद लइसेंस धारक कारोबारी और डिपो मैनेजर के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत रविवार को एफआईआर दर्ज कराई गई है। अब सरकार से मिले केरोसिन के लाइसेंस को निरस्त किया जाएगा।
पूर्ति निरीक्षक जोगेंद्र सिंह की तहरीर पर रविवार को परतापुर थाने में केरोसिन डीलर संजय कुमार और मैनेजर विक्की कुमार के खिलाफ एफआईआर लिखी गई है। जिसमें 71 हजार लीटर से अधिक बेहिसाब केरोसिन जमीन में टैंक गाड़कर छिपाने की बात कही गई है। इस 71 लीटर केरोसिन का कोई हिसाब डीलर और उसके मैनेजर के पास नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसको कालाबाजारी के लिए रखा गया था। पूर्ति निरीक्षक जोगेंद्र सिंह ने बताया कि डीलर का थोक लाइसेंस जल्द निरस्त किया जाएगा। डीलर और उसके मैनेजर को पुलिस गिरफ्तार करेगी। बरामद तेल अभी पुलिस कस्टडी में है। उसकी जांच के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई होगी।
छापे के बाद डीलर ने खा लिया था जहरीला पदार्थ
डीलर संजय कुमार ने अपने डिपो पर छापे और केरोसिन बरामदगी के बाद संदिग्ध पदार्थ खा लिया था, जिसके बाद परिवार के लोग उन्हें साहिबाबाद के यशोदा हॉस्पिटल ले गए थे। परिजन के अनुसार, डॉक्टरों ने समय रहते इलाज कर दिया। रविवार को वह मेरठ आ गए। संजय के पुत्र प्रियांशु के मुताबिक, ‘डिपो में केरोसिन ज्यादा मिलने के बाद से लगातार लोगों के फोन आने से संजय परेशान हो गए और बेहोश हो गए। उन्होंने कुछ खा लिया। डॉक्टरों ने उन्हें उल्टियां कराईं, अब वह ठीक हैं।’ संजय कुमार के अधिवक्ता रामकुमार ने कहा कि प्रशासन बेवजह कार्रवाई कर रहा है, जिससे आहत होकर उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया था।
संजय कुमार