भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इंडोनेशिया और सिंगापुर के दौरे पर हैं। सोमवार को सिंगापुर में उन्होंने ‘स्टार्ट अप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन’ के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने दोनों के विकास की बात का जिक्र किया। सिंगापुर में भारत के साथ संबंधों का जिक्र ‘स्टार्ट अप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन’ में एस जयशंकर ने कहा सिंगापुर में ‘स्टार्ट अप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन’ के उद्घाटन करे दौरान कहा कि जब हम दोनों देश अपने संबंधों के अतीत में जाते हैं तो यह वो समय था जब दुनिया बदल रही थी और भारत भी बदल रहा था। दो बदलावों के शिखर पर थे।
लेकिन उस वक्त भारत में भुगतान संकट का एक गंभीर संतुलन था और कट्टरपंथी आर्थिक सुधार पर जोर दे रहा था। उस स्थिति में भारत ने सिंगापुर का रुख किया और सिंगापुर ने जवाब दिया। सिंगापुर तब भारत की वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया। ऐसे में दोनों देशों ने एक दूसरे के विकास में भागीदारी निभाई है। सिंगापुर में जयशंकर ने कहा कि भारत की बड़ी चिंताओं में चीन के साथ उसके संबंध शामिल हैं, क्योंकि हम चीन के साथ एक बहुत बड़ा व्यापार-घाटा चलाते हैं, जिसका मानना है कि यह अनुचित प्रतिबंधित बाजार पहुंच का परिणाम है। इंडोनेशिया दौरा बता दें कि जयशंकर को 4 से 6 सितंबर के बीच इंडोनेशिया की थी और उसके बाद वो सिंगापुर पहुंचे। इंडोनेशिया में उन्होंने कहा कि यह यात्रा इंडोनेशिया के साथ भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाती है। जिसके साथ देश एक व्यापक रणनीतिक कर रहा है। आगे कहा कि दोनों द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करते रहे हैं। जयशंकर इंडोनेशिया के अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ भी द्विपक्षीय बैठक में शामिल हुए। यहां कई मुद्दों पर सहमति बनी।
कौशलेन्द्र