बिहार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जमीन की बंदोबस्ती और सर्वे कार्य को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए इसे तेजी से पूरा करें। राज्य में विकास के अनेक कार्य हो रहे हैं, जिससे जमीन की कीमतें भी बढ़ रही हैं। इसलिए जमीन से संबंधित विवादों का निपटारा जरूरी है। नए सिरे से हो रही बंदोबस्ती से जमीन संबंधी विवादों का समाधान होगा। साथ ही, इससे फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी और समाज में अमन-चैन का माहौल भी बना रहेगा।वही मोतिहारी से ताजा मामला देखने को मिला है जहा,दाखिल खारिज में लापरवाही बरतने पर बड़ी कार्रवाई की गई है. सीओ, कर्मचारी, सीआई समेत 60 कर्मचारियों पर 45 लाख का जुर्माना लगाया गया है. दाखिल खारिज के काम में लापरवाही बरतने पर वरीय उपसमाहर्ता ने सभी पदाधिकारियों पर 45 लाख जुर्माना लगाते हुए राशि जमा करने का निर्देश दिया
है.दरअसल जिले के 27 अंचलों में 81280 दाखिल खारिज के लिए आवेदन ऑनलाइन किया गया था. जिसमें निर्धारित समय 21 दिन में 36351 आवेदन का डिस्पोजल किया गया. वहीं 44929 आवेदन अभी तक लंबित है. जिसको लेकर अनुमंडल के डीसीएलआर द्वारा उक्त अंचल के सीओ सहित हल्का कर्मचारी और सीआई पर लंबित आवेदन को लेकर जुर्माना लगाया है.राजस्व विभाग के निर्देश की अनदेखी करके 21 और 63 दिनों की अवधि समाप्त होने के बाद भी मोतिहारी अंचल 855, घोड़ासहन 368, मेहसी 285, तुरकौलिया 313, पताही 365, तेतरिया 241 और पकड़ीदयाल अंचल में 472 आवेदन लंबित हैं. जिसको लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है.
कौशलेन्द्र पराशर