बिहार विधानसभा के 5 सीटों पर उपचुनाव होने की तारीख 21 अक्टूबर घोषित करने के बाद से ही खलबली सी मच गई है। यही नहीं, कुछ दिनों से महागठबंधन में चल रहा विवाद भी सबके सामने आ गया है। 25 सितंबर, 2019 को पटना में हुई बैठक जो करीब 3 गंटे तक चली थी… वहीं यह फैसला लिया गया कि कांग्रेस आगामी उप-चुनाव अकेले लड़ेगी और तो और सभी 5 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
सोचने वाली बात यह है कि बिहार में महागठबंधन महज 12 घंटे के अंदर ही पूरी तरह से बिखर गई। गौरतलब है कि एक ओर जहां हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी ने 2 सीटों पर आरजेडी के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया तो दूसरी ओर शाम ढलते-ढलते कांग्रेस ने भी सभी 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला करके राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को बड़ा झटका दे दिया है।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस इस बार बड़े प्लैन के साथ तैयार है। कांग्रेस का मानना है कि वह हमेशा से ही ड्राइविंग सीट पर रही है और आगे भी रहेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 21 अक्टूबर को सिमरी बख्तियारपुर, बेलहर, नाथनगर, घरौंदा और किशनगंज में उपचुनाव होने हैं। महागठबंधन के सबसे बड़े दल आरजेडी ने पहले ही 5 में से 4 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी और अपने सारे उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल भी बांट दिया। बताते चलें कि आरजेडी ने किशनगंज वाला सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी।
इन सब बातों को ध्यान में रखकर आप यह अनुमान साफ लगा सकते हैं कि जैसे बिहार उपचुनाल को लेकर कांग्रेस ने इतना बड़ा फैसला कर लिया है तो यह तय है कि महागठबंधन भले ही क्यों ना औपचारिक ढंग से नहीं टूटा है मगर बिखराव तो साफ नज़र आ सकते हैं।
संजय कुमार