बोधगया मंदिर में 7 जुलाई, 2013 को हुए बम धमाके और साथ ही 27 अक्टूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हुए बम धमाके में कई लोगों की जान चली गई वह कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह दोनों धमाका वाकई दिल दहला देने वाला था, जिसे आज भी याद कर के रूह कांप सी जाती है।
सूत्रों की मानें तो इन दोनों धमाकों को अंजाम देने के पीछे रांची के रहने वाले सीमी (SIMI) संगठन के सदस्यों का हाथ था जो धमाका करने के बाद रायपुर, छत्तीसगढ़ में अपने साथ के साथ जा छुपे थे।
वहीं, जब रांची के लड़के का मुखिया हैदर, जो बिहार के मदनपुर का रहनेवाला है पकड़ा गया तो उसके बताने पर छत्तिसगढ़ से भी लोग पकड़े गए थे तो अभी बेऊर जेल में बंद हैं। गौरतलब है कि रायपुर का तब एक अभियुक्त अज़हरूद्दीन बड़ी ही चालाकी से एनआईए (NIA) से बचके सऊदी अरब भाग गया था।
6 साल के लंबे इंतज़ार के बाद आखीरकार अज़हरूद्दीन पकड़ा गया। बता दें कि जब अज़हरूद्दीन जेडा से हैदराबाद आया तब वह पकड़ा गया क्योंकि पूरे देश के हवाई अड्डों पर उसका नाम और फोटो दिया गया था
बताते चलें कि एनआईए (NIA) की टीम हैदराबाद पहुंच चुकी है और उसे कोर्ट में भी पेश किया जाएगा।
प्रिया सिन्हा