पटना,१३ अक्टूबर। प्रबुद्ध हिन्दू समाज का उद्देश्य छुआछूत समेत समाज की सभी कुरीतियों और विद्वेष को मिटाकर, मनुष्यता मूलक विश्व मानव समुदाय का निर्माण है। भारतीय वैदिक संस्कृति का यही स्वर है। हम संपूर्ण वसुधा को एक कुटुंब की तरह देखते हैं। इसमें सम्पूर्ण मानव–जाति की रागात्मक एकता की ध्वनि है। हम भारत की इसी महान उद्घोष को व्यवहार में लाकर संपूर्ण विश्व में व्याप्त घृणा,युद्ध और आतंकवाद को समाप्त कर सकते हैं। समाज के सभी प्रबुद्धजनों को, संपूर्ण मानव जाति के सुखमय और कल्याणकारी जीवन के योग्य विश्व के निर्माण में, अपना योगदान देने हेतु आगे आना चाहिए। यदि हम समय रहते विश्व–समुदाय को सचेत नही कर सके तो, अंदेशा है कि पृथ्वी पर मानव जाति ख़तरे में पैड सकती है।
यह बातें रविवार को, पटेल नगर स्थित देव पब्लिक स्कूल में आयोजित, बौद्धिक–जागरण की प्रतिष्ठित संस्था प्रबुद्ध हिन्दू समाज के २८वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए, संस्था के मुख्य संरक्षक और बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने कहा कि युद्ध, युद्ध की आशंका, सुरक्षा और सैन्य–व्यवस्था पर विश्व की जो राशि ख़र्च होती है, उसे बचाया जाए, तो निखिल विश्व में एक भी मनुष्य भूखा नहीं मरेगा। मानव–जीवन आनंद के उत्कर्ष के साथ अपनी बौद्धिक क्षमता के शीर्ष पर पहुँच जाएगा।
वरिष्ठ साहित्यकार और विद्वान समालोचक डा अवध बिहारी जिज्ञासु ने कहा कि, भारतीय संस्कृति में आस्था रखनेवाला और भारत में रहनेवाला हर एक व्यक्ति हिंदू है। यह कोई संप्रदाय नहीं एक आदर्श मानवीय विचार और दर्शन है। इस दर्शन में हिंसा और भेदभाव के लिए किसी भी प्रकार का स्थान नहीं है।
संस्था के महामंत्री आचार्य पाँचू राम ने अपना वार्षिक प्रतिवेदन रखते हुए कहा कि, प्रबुद्ध हिंदू समाज की राहें कठिन एवं श्रम–साध्य है। भ्रांतिपूर्ण धर्मांधता,सम्प्रदायवाद,जातिवाद
वरिष्ठ कवि योगेन्द्र प्रसाद मिश्र,डा मनोज गोवर्द्धनपुरी,डा दिनेश कुमार देव,नवीन कुमार सिन्हा तथा अमित कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्रगण एवं संस्था के सदस्य उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत पुष्प–हार एवं अंग–वस्त्रम प्रदान कर किया गया।