कौशलेन्द्र पाण्डेय, नई दिल्ली.
बहस खत्म और भगवान राम को न्याय का इंतजार. ये कैसा भरत का देश भारत है, जहाँ भगवान राम को अपना जन्म साबित करने के लिये उच्चतम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट जाना क्या साबित करता है, क्या भारत मे लोकतंत्र जिन्दा है.
क्या पाकिस्तान मे भगवान राम का जन्म हुआ था. क्या भारत के तथाकथित हिन्दू और तथाकथित मुसलमानो के द्वारा लोकतंत्र के नाम पर भगवान राम के जन्म स्थल के साथ मज़ाक नहीं किया जा रहा है, आप अपने अंतरात्मा की आवाज़ पर बताये की राम का जन्म तुर्की मे या लाहौर मे हुआ था, अगर लाहौर या अरब देशो मे हुआ तो कंट्री इनसाइड न्युज देश के सुप्रीम कोर्ट से अपील करता है, की आप तथाकथित हिन्दुओ और तथाकथित मुसलमानो से अपील करता है की किसी ऐसे लोगो को जो भगवान राम के नाम पर छुट्टी लेते है और भगवान के जन्म स्थान को नहीं मानते.
मै आज बताना चाहता हुँ की अगर आज आरएसएस (RSS)नहीं होता तो कभी भारत एक मजबूत राष्ट्र नहीं बन पाता.
देश मे जाती प्रथा बढ़ाने मे विदेशी ताकत का हाथ है. क्या यही लोकतंत्र है,