कौशलेन्द्र पाण्डेय, पटना
रीजनल कंप्रेहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) समझौते के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. साथ ही आरसीईपी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर कार्यालयों को खत सौंपेंगे.पटना के जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री को एक मांग पत्र लिख कर किसान को आरसीईपी लागू होने के नुक्सान की जानकारी देते हुय ग्रमीण रोजगार खत्म होने की बात कर रहे है।जिलाधिकारी ने पत्र मे लिखा है डेयरी ग्रमीण क्षेत्र मे लगभग 10 करोड लोको को लाभकारी रोजगार उप्लब्ध करवा रहा है जो आरसीईपी लागू होने से समाप्त होगा । किसानों का यह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले होगा.राष्ट्रीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ के मुताबिक 18 अक्टूबर से देशभर के सभी किसान काली पट्टी बांधकर आरसीईपी का विरोध करेंगे. देश के सभी सांसदों को आरसीईपी का बहिष्कार करने के लिए मांगपत्र दिया जाएगा. साथ ही देश के सभी जिलों में जिला कलेक्टर ऑफिस पर प्रधानमंत्री के नाम आरसीईपी के खिलाफ खत सौंपा जाएगा. इसके बाद 2 नवम्बर को 3 घंटे के लिए देशभर में सड़क रोको प्रदर्शन किए जाएंगे.आसियान देशों और 6 अन्य प्रमुख देशों की आरसीईपी के तहत मुक्त व्यापार करार में डेयरी उत्पाद को शामिल करने के प्रस्ताव है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर आरसीईपी लागू हो गया और बाहर से दूध का आयात किया गया तो दूध के किसान पूरे तरह से तबाह हो जाएंगे. देश के एक तिहाई बाजार पर न्यूजीलैंड, अमेरिका और यूरोपीय देशों का कब्जा हो जाएगा और भारत के किसानों को इनके उत्पाद का जो मूल्य मिल रहा है, उसमें गिरावट आ जाएगी.