कौशलेन्द्र पाण्डेय, पोलिटिकल संवाददाता, पटना
बिहार के दरौंदा विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जदयू को बड़ा झटका लगा है। इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह ने जदयू के अजय कुमार सिंह को 27279 वोट से हराकर शानदार जीत दर्ज की है। आर्थिक एवं सामाजिक रुप से समृद्धि होने के कारण कर्णजीत सिंह उफ व्यास सिंह के परिवार का दबदबा सीवान की राजनीति में शुरू से ही रहा है।बता दें कि व्यास सिंह के दादा स्व. रामदरस सिंह एवं पिता स्व. बच्चा सिंह एक किसान थे। सिवान में एक पाल परिवार है… सिवान में जब शहाबुद्दीन का आतंक था तब बस एक यही पाल परिवार का घर था जहां बीजेपी का झंडा लहराया करता था। यहां तक कि हर भाजपा का सीनीयर लिडर जैसे कि सुशील मोदी, राधा मोहन सिंह आदेि सभी खुद को इसी घर में सुरक्षित महसूस किया करते थे। बीजेपी से इस परिवार का गहरा संबंध हमेशा से रहा है और आज भी कायम है।सिवान के लिए यह परिवार निर्स्वार्थ भाव से जनसेवा की मदद के लिए हमेशा से खड़ा रहा है… यहां तक कि पिछले लोकसभा चुनाव मे सिवान की जीत का बहुत बड़ा क्रेडिट इन्हीं को जाता है और यह भाजपा पार्टी का हर सदस्य मानता है। जमीन अधिक होने तथा आर्थिक रूप से संपन्न होने के कारण हाथी रखने की परंपरा को परिवार के लोगों ने अभी तक कायम रखा हुआ है। व्यास सिंह के परिवार की राजनीतिक पकड़ पहले से ही है। इनके बड़े पिता दीनानाथ सिंह कई बार निर्विरोध नगर पार्षद चुने गयें हैं। बच्चा सिंह के चार पुत्रों में दुसरे पुत्र व्यास सिंह परिवार के राजनीति विरासत को आगे बढ़ाते हुय दो बार नगर पर्षद के उप सभापति निर्विरोध चुने गये। भाजपा के समर्थन पर इन्होंने 2009 में एमएलसी का चुनाव लड़ा, लेकिन, कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद इन्होंने भाजपा के संगठन को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभायी।
भाजपा ने इन्हें जिला उपाध्यक्ष पद की जिम्मेवारी सौंपी थी। पार्टी में जमीनी रूप से जुड़े होने के कारण ही दरौंदा विधानसभा उपचुनाव में एनडीए का बागी प्रत्याशी होने के बाबजूद कार्यकर्ताओं ने मदद कर जीत दिलायी। जिले की राजनीति में इस परिवार का शुरू से ही राजनीतिक दबदबा रहा है। बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दरौंदा विधानसभा उपचुनाव में जीत का परचम लहराकर इस दबदबा को व्यास सिंह ने सही साबित कर दिया है।
पेट्रोलियम मे उच्च पद पर आसीन उनके रिस्तेदार विकास कुमार सिंह ने बातचीत मे कहा की हमलोगो पुरा भरोसा था की भैया को जनता की सेवा का मौका मिलेगा और मिला. दरोदा की जनता को हार्दिक प्रणाम.
साथ मे बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने बिधायक कर्णजीत सिंह उर्फ़ व्यास जी को बधाई दी.