कौशलेन्द्र पाण्डेय, पोलिटिकल संवाददाता
हरियाणा में सरकार के गठन के बाद अब रुख महाराष्ट्र की ओर है. जहां पर सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है. दिवाली के अगले दिन महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर संघर्ष तेज हुआ, सोमवार सुबह पहले शिवसेना और फिर भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग राज्यपाल से मिलने पहुंचा. जिसने दोनों पार्टियों के बीच चल रही तनातनी को और भी हवा दे दी.महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है. महाराष्ट्र की सत्ता की चाबी फिलहाल एनसीपी के हाथों में नजर आ रही है. ऐसे में शरद पवार बीजेपी या शिवसेना में जिसके साथ खड़े हो जाएं, सत्ता का सिंहासन उसका है. इसके बावजूद शरद पवार से लेकर एनसीपी के तमाम नेता सरकार बनाने से ज्यादा विपक्ष में बैठने को लेकर सहमत हैं. एनसीपी अगर अपने स्टैंड पर कायम रहती है तो शिवसेना से पास बीजेपी के साथ सरकार बनाने के सिवा कोई और विकल्प नहीं बचेगा.आपको बता दें कि महाराष्ट्र में एक बार फिर शिवसेना-बीजेपी को बहुमत मिला है. महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस-एनसीपी और इसके दूसरे सहयोगियों ने 117 सीटें हासिल कीं. चुनाव नतीजों के बाद से ही शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है.
शिवसेना नेता की मुलाकात के कुछ देर बाद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन पहुंचे. देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर दंगल चल रहा है. शिवसेना बीजेपी से 50-50 के फॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री का पद मांग रही है, लेकिन अभी भाजपा चुप्पी साधे हुए है. बीजेपी 30 अक्टूबर को अपने विधायक दल की बैठक करेगी.महाराष्ट्र
बीजेपी प्रभारी सरोज पाण्डेय ने कहा मुख्यमंत्री पर कोई समझौता नहीं.