मुंबई ,
महाराष्ट्र में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बेशक ही साथ मिलकर चुनाव लड़ा हो लेकिन चुनाव के बाद उसने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। बता दें कि वह राज्य में सत्ता के आधे बंटवारे के साथ ही ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है, जिसे लेकर उसके और भाजपा के बीच खींचतान काफी जारी है।
वहीं, शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की मानें तो महाराष्ट्र में किसी दुष्यंत के पिता जेल में नहीं हैं। दूसरी ओर, संजय राउत से जब पूछा गया कि भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद सरकार बनाने में देरी क्यों हो रही है… तो उन्होंने कहा, ‘यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों। हम धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरद पवार जी ने भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया है और वह कभी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।’
हालांकि, इससे पहले सोमवार को शिवसेना ने यह बात साफ कही थी कि राजनीति में कोई भी साधु-संत नहीं होता है। और तो और इस बयान से उसने संकेत दिया है कि यदि भाजपा उसकी मांगों को नहीं मानती है तो वह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का समर्थन लेकर सरकार बना सकती है। यही नहीं, शिवसेना के नेता संजय राउत ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया लेकिन साफ कहा कि शिवसेना गठबंधन की पवित्रता में पूरा विश्वास करती है।
दूसरी ओर शिवसेना ने महाराष्ट्र में 50-50 फॉर्मूले से कम पर मानने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने की बात को स्वीकार कभी नहीं करेगी। शिवसेना के बहुत से विधायक ऐसे हैं जो चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे का बेटा और वर्ली विधानसभा से विधायक आदित्य ठाकरे को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाए। बता दें कि 29 साल के आदित्य ठाकरे परिवार में चुनाव लड़ने और जीतने वाले पहले सदस्य हैं।
आगे शिवसेना नेता ने कहा कि पार्टी उप मुख्यमंत्री पद पर नहीं मानेगी। उन्होंने कहा, ‘यदि भाजपा नहीं मानती है तो हमारे पास समय है। उनके पास बहुमत नहीं है और वह सबसे बड़ी पार्टी है। यदि वह सेना के बिना चल सकते हैं तो मैं उनका स्वागत करता हूं और उन्हें बधाई देता हूं।’ चुनाव परिणाम में भाजपा को उतनी सीटों पर बहुमत नहीं मिला जितनी की उसे उम्मीद थी। इसी कारण उसे सरकार बनाने के लिए शिवसेना की जरुरत है।
प्रिया सिन्हा