प्रिया सिन्हा, संपादक
भारतीय जनता पार्टी यानी कि भाजपा के फायर ब्रांड कहलाने वाले नेता और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा के सहयोग से चल रही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बता दें कि यह विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को खूब रास आ रहा है, वहीं सूबे की सरकार की अगुवा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) कुछ असहज सी हो गई है। दूसरी ओर जेडीयू ने गिरिराज को ट्विटर की सियासत छोड़ने की सलाह दे दी है।
दूसरी ओर बेगुसराय में बेकाबू अपराध को लेकर स्थानीय सांसद का ट्वीट कानून व्यस्था पर सवाल उठा रहा है… जो जदयू (JDU) को बिल्कुल भी रास नहीं आया है। यही नहीं, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गिरिराज बार-बार किसी ना किसी बहाने गठबंधन धर्म को लेकर पहले भी कई बार आरोप लगाते रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गठबंधन धर्म के निर्वहन में उनकी ओर से ईमानदारी नहीं बरती जा रही है। इस ट्वीट के जरिये उन्होंने अपना पुराना रूप दोहराया है।
जदयू प्रवक्ता ने भी साफ कहा कि अगर इन सवालों को लेकर अगर इतनी ही चिंता है तो उन्हें प्रशासन की मदद ले लेनी चाहिए, ट्विटर पर सियासत नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान गिरिराज सिंह की पहचान बन गए हैं। राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से परिचित है और इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी और पूरी तत्परता से आरोप पत्र दायर करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
वहीं, राजीव रंजन ने कहा कि ऐसे मामलों में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बयानों से जो भी राजनीति करना चाहते हैं, उनकी पार्टी के नेताओं को भी यह बात साफ समझ आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे बयानबाजी करने की बजाय पार्टी फोरम में बात रखें तो ज्यादा अच्छा होगा।