कौशलेन्द्र पाण्डेय, पोलिटिकल रिपोर्टर
झारखंड में जहां एक ओर विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया तो वहीं, झारखंड विकास मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर ले लिया है। दूसरी ओर, झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि चुनाव के पहले ही बीजेपी डरी और सहमी हुई है।
साथ ही बाबूलाल मरांडी ने आगे यह भी कहा है कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों के महागठबंधन में शमिल नहीं होगी और अकेले चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि चुनाव बाद के गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कोई अपना जवाब नहीं दिया है।
सूत्रों के अनुसार, बाबूलाल मरांडी का कहना है कि “लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने प्रयास किया कि गठबंधन बना रहे, लेकिन सभी पार्टियों की सीटों को लेकर अपनी-अपनी समस्याएं हैं”… उन्होंने आगे कहा कि यह छोटा राज्य है, कम सीटें हैं और दावेदार अधिक हैं, ऐसे में गठबंधन संभव होता नहीं दिख रहा था। इसके बाद हमने ‘एकला चलो रे’ की राह को अपनाते हुए अकेले ही लड़ने का फैसला ले लिया है।
गौरतलब है कि कभी जो बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे थे आज मरांडी ने कहा कि – ‘अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की इतनी ही लोकप्रियता है तो अपनी ही पार्टी के किसी कार्यकर्ता को टिकट देकर चुनाव जिताते, दूसरी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की क्या जरूरत थी।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी जितने भी विधायकों को अपने पाले में लाई है, उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा तक नहीं दिया है, जो कानून के खिलाफ है।