आज अप॰ 03ः00 बजे से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक अति महत्वपूर्ण बैठक आहुत किया गया, जिसमें अखिल भारतीय कांगे्रस कमिटी के महासचिव श्री के सी वेणुगोपाल, बिहार एवं दिल्ली प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल, गुजरात प्रभारी श्री राजीव सातव, एवं सभी प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रभारी शामिल हुए। बैठक में सभी नेता/नेत्री ने कोरोना वायरस से बचाव, लाॅक-डाउन में फंसे लोगों की सहायता, और स्वाथ्य विभाग एवं केन्द्र सरकार के ढुलमुल रवैये पर अपने-अपने विचार रखें।
बिहार प्रदेश कांगे्रस कमिटी के अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा ने बिहार का पक्ष रखते हुए कहा कि कोविड 19 महामारी के कारण हमारे सामनें दो मुख्य चुनौतियाँ हैं, एक – शारीरिक दूरी बनाये रखना, जिससे हम, हमारे कार्यकर्ता एवं जनता स्वस्थ रह सके और दूसरा- पीड़ितों की सेवा।
बिहार के लिये यह चुनौती और भी गंभीर है क्योंकिएक तरफ तो लाखों की संख्या में बिहार के प्रवासी मजदूर जो लाॅकडाउन में बाहर फँस गये हैं, उनके खाने-पीने एवं आश्रय के लिये प्रयास करना। बिहार कांग्रेस ने ऐसे पचास हजार लोगों को सीधे रूप से सहायता प्रदान की, जिन्होंने हमारे हेल्प लाइन नम्बर पर संपर्क किया। अब धीरे-धीरे वापस आ रहे हैं। हेल्पलाइन, मेल एवं लिंक के माध्यम से हमलोगो के पास भी ऐसे हजारों लोगो ने संपर्क स्थापित किया, जिसकी सूची बना कर संबंधित राज्य के हमारे प्रदेश अध्यक्षों को तथा मुख्य मंत्रियों को आग्रह पत्र के साथ भेजा गया।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर बिहार से भी बाहर जानें वाले लोगों में से लगभग दो हजार लोगों नें हमलोगों से संपर्क स्थापित किया। इनमें से कई लोगों को हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा सहूलियत देने पर वे स्वयं चले गये।
डाॅ झा ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या है सरकार द्वारा अनुमति पत्र प्राप्त करना है। हम लोगो के बार-बार प्रयास करनें के बावजूद भी सरकार पास देनें में आना-कानी कर रही है। मुख्य सचिव, प्रधान सचिव आपदा एवं जिलाधिकारियों से बात की गई लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस द्वारा किये जा रहे किसी भी प्रयास को सहायता नहीं देना चाहती है।
रेल अधिकारियों से बातचीत की गई परंतु बारह सौ पैसेंजर होने के बाद ही रेल गाड़ी आप बुक कर सकते हैं, और इतनें लोग एक साथ किसी एक जिले में नहीं हैं। साथ ही इसकी अनुमति भी बिहार सरकार द्वारा ही मिलेगा। अन्ततः आज सरकार द्वारा एक नोडल अधिकारी नामित किया गया जो बिहार प्रदेश कांगे्रस कमिटी के साथ समन्वय स्थापित कर बिहार में फंसे लोगों को बाहर भेजने का प्रयास करेगी।
पिछले एक सप्ताह से बिहार कांग्रेस इस दिशा में सक्रिय है। अबतक छब्बीस लोगों को रेल का टिकट दिया गया। असम, उत्तर प्रदेश एवं पंजाब जानें वाले लोगों के लिये एक एक बस ठीक कर लिया गया है। संभवतः आज शाम तक या कल तक प्रशासन की अनुमति मिल जाये फिर उन्हें लेकर बस रवाना होगी।
प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा ने शिर्ष नेतृत्व को इस बात से भी अवगत कराया कि बिहार में क्वोरेंटाइन सेेंटर की स्थिति अच्छी नहीं है तथा आज भी सरकार ने एक तुगलकी फरमान जारी कर कहा है कि राज्य के बाहर से आए श्रमिकों को क्वोंरेंटाइन सेंटर में रखने के बाद रेल किराया दिया जाएगा, जो कोई व्यक्ति भी इन सेंटरों के व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है और इसकी शिकायत कर रहे है उनको किसी ढंग की कोई सुविधा नहीं दी जाएगी। विदित हो कि पहले से ही मीडिया को यहां क्वोरंेटाइन सेंटर जाने पर पाबंदी है जिससे इन सेंटरों में फैली अव्यवस्था का समाचार बाहर न जा सके।
इस बीच यहाँ जरूरतमंद लोगों के बीच राशन, खाना, दवाई, मास्क एवं साबुन वितरण का कार्य नियमित रूप से जारी है।
शैलेश तिवारी, पोलिटिकल एडिटर