पटना 12 जून 2020 ; राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि जिस प्रकार गत विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश के साथ धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से बिहार में फर्जी सरकार का गठन किया गया , उसी प्रकार सत्ताधारी दलों के नेताओं द्वारा फर्जी दावे और फर्जी आंकड़े द्वारा लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है ।
राजद नेता ने जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा राजद शासनकाल में हुए नरसंहारों के बारे में दिये गये 118 की संख्या को चुनौती देते हुए कहा है कि वे मात्र दस नरसंहारों के बारे में बता दें जो राजद शासनकाल में हुआ है । और मात्र यैसे एक नरसंहार का नाम बता दें जिसमें 100 लोगों की हत्या हुई है ।
राजद नेता ने जदयू नेता पर झूठ बोल कर नई पीढ़ी को गुमराह करने का आरोप लगाया है । उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि पहले से चल रहे नरसंहारों के दौर को राजद शासनकाल में नियंत्रित किया गया और नीतीश कुमार को नरसंहार मुक्त बिहार सौंपा गया ।
राजद नेता ने कहा कि बिहार में नरसंहार की शुरुआत 27 मई 1977 को नालंदा जिला के हरनौत प्रखंड अन्तर्गत बेलछी से हुआ था जिसमें 11 दलित और अति पिछडी जाती के लोगों की हत्या कर दी गई थी । फिर फरवरी 1980 में हीं पिपरा (पटना जिला) और पारस विगहा ( जहानावाद ) नरसंहार हुआ । लालू जी जब 1990 में मुख्यमंत्री बने तो उन्हें नरसंहारों वाला राज्य मिला था पर जब 2005 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो उन्हें नरसंहार मुक्त बिहार सौंपा गया ।
राजद नेता ने कहा कि जदयू सांसद को बताना चाहिए कि बिहार में हुए नरसंहारों के अभियुक्तों को किसका संरक्षण मिल रहा था । राज्य मे हुये नरसंहारों की जाँच के लिए राजद की सरकार द्वारा अमीर दास आयोग का गठन किया गया था । जदयू सांसद को बताना चाहिए कि किसको बचाने के लिए नीतीश कुमार जी ने उस आयोग को भंग कर दिया ।
राजद नेता ने कहा कि जदयू सांसद को बताना चाहिए कि किस सरकार की लापरवाही से बथानी (भोजपुर) , लक्षमण पुर बाथे ( अरवल) , शंकर बिगहा और मियाँपुर नरसंहारों के आरोपी न्यायालय से दोषमुक्त हो गये । उन्हें यह भी बताना चाहिए कि हर छोटी छोटी बातों के लिए न्यायालय में अपील पर अपील करने वाली नीतीश सरकार द्वारा उपरोक्त नरसंहारों मे हुये न्यायालय के फैसलों के खिलाफ उपर के न्यायालयों में अपील क्यों नहीं की गई ।
राजद नेता ने कहा कि सुनियोजित तरीके से राजद शासनकाल को दुष्प्रचार का शिकार बना कर सत्ता पर काबिज होने वाले लोग आज सत्ता में बने रहने के लिए गलत तथ्य और झूठ के सहारे नई पीढ़ी को गुमराह करने की साजिश कर रहे हैं ।
शैलेश तिवारी की रिपोर्ट