राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक वकील ने बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी है व इसके बाद ही इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि इस बात की जानकारी जयपुर के एसीपी अशोक गुप्ता ने दी है। उन्होंने आगे कहा कि, ‘हमें बिना किसी परीक्षण के कथित तौर पर कोरोना वायरस की दवा विकसित करने के दावे के लिए बाबा रामदेव के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं।’
गौरतलब है कि इससे पहले 26 जून को राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने पतंजलि की दवा कोरोनिल को लेकर जयपुर के एनआईएमएस अस्पताल को एक नोटिस भेजा था। दूसरी ओर अधिकारियों ने बताया था कि इस नोटिस में अस्पताल प्रशासन से कोरोना वायरस मरीजों पर पतंजलि की दवा का ट्रायल करने का स्पष्टीकरण मांगा गया है।
यही नहीं, जयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया था कि हमने अस्पताल को बुधवार को नोटिस जारी किया था, जिसमें तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। अस्पताल प्रशासन ने ना तो सरकार को इस कथित ट्रायल की जानकारी दी और ना ही अनुमति मांगी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एनआईएमएस) की ओर से जवाब का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही राजस्थान सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोरोनिल को दवाई के रूप में तब तक इस्तेमाल नहीं किया जाएगा जब तक इसे आयुष मंत्रालय से अनुमति नहीं मिल जाती है।
बताते चलें कि पतंजलि ने एनआईएमएस विश्वविद्यालय के साथ मिलकर यह दवा बनाई है। दवा लॉन्च करने के साथ कंपनी ने दावा किया था कि कोरोना के मामलों में यह तीन दिन में करीब 69 फीसदी और सात दिनों में सौ फीसदी सकारात्मक परिणाम देती है।
प्रिया की रिपोर्ट.