प्रधानमंत्री ने मन की बात में देश को आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया और युवाओं से अपील की है कि वह इसमें अपना योगदान दें. पीएम ने कहा कि मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में युवा उद्यमियों से भारत में और भारत के बारे में कम्प्यूटर गेम्स बनाने का आहृवान किया और कहा, ‘आइये खेलों की शुरूआत की जाये. प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपए से अधिक है लेकिन इसमें भारत का हिस्सा बेहद कम है,हमें इसे बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा.प्रधानमंत्री ने भोजन और उसके पोषक तत्व का जिक्र करते हुए कहा कि ‘भारत एक विशाल देश है, खानपान में ढेर सारी विविधता है. हमारे देश में छह अलग-अलग ऋतु में होती हैं, अलग-अलग क्षेत्रों में वहाँ के मौसम के हिसाब से अलग-अलग चीजें पैदा होती हैं. इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हर क्षेत्र के मौसम, वहाँ के स्थानीय भोजन और वहाँ पैदा होने वाले अन्न, फल, सब्जियों के अनुसार एक पोषण से पूर्ण एक अच्छा डायट प्लान बने.’प्रधानमंत्री के “मन की बात ” की 10 खास बातें.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि हमने कोविड-19 महामारी के वक्त अपने त्योहारों में अभूतपूर्व संयम और सादगी देखी है. प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में विभिन्न अनाजों की बोआई का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों की सराहना की.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में कहा कि वैश्विक खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपए से अधिक है लेकिन इसमें भारत का हिस्सा बेहद कम है,हमें इसे बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टार्ट-अप उद्यमियों से ‘खिलौनों के लिए तैयारी’ का आह्वान किया और कहा कि स्थानीय खिलौनों के लिए आवाज बुलंद करने का वक्त आ गया है. उन्होंने युवा उद्यमियों से भारत में और भारत के बारे में कम्प्यूटर गेम्स बनाने का आहृवान किया और कहा ‘आईये खेलों की शुरूआत की जाये .’पर्व और पर्यावरण के बीच के गहरे नाते की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रकृति की रक्षा के लिए बिहार के पश्चिमी चंपारण में थारु आदिवासी समाज द्वारा मानए जाने वाले बरना त्योहार का जिक्र किया और कहा कि प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारु समाज ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और सदियों से बनाया है.मोदी ने केरल के प्रसिद्ध ओणम त्योहार पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि ओणम की धूम तो आज, दूर-सुदूर विदेशों तक पहुंच गई है. अमेरिका हो, यूरोप हो, या खाड़ी देश हों, ओणम का उल्लास हर कहीं मिल जाए.गाउन्होंने कहा, ‘ओणम एक अंतरराष्ट्रीय पर्व बनता जा रहा है.’प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट काल में देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है. गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार पर्यावरण अनुकूल गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है.प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, हम सबके मन को छू जाए वैसा अनुशासन भी है. नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है. लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं.’प्रधानमंत्री ने कहा कि धान की रोपाई इस बार लगभग 10 प्रतिशत, दालें लगभग पांच प्रतिशत, मोटे अनाज लगभग तीन प्रतिशत, तिलहन लगभग 13 प्रतिशत और कपास की लगभग तीन प्रतिशत ज्यादा बुवाई की गई है.मोदी ने कहा, ‘मैं, इसके लिए देश के किसानों को बधाई देता हूं. उनके परिश्रम को नमन करता हूं.आम तौर पर यह समय उत्सव का होता है और जगह-जगह मेले लगते हैं तथा धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं. हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थिति में भी अपनी ताकत को साबित किया है. हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले सात प्रतिशत ज्यादा हुई है.’आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने किसानों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शक्ति से ही जीवन और समाज चलता है.
कौशलेन्द्र पाण्डेय, संपादक