केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली से सटी सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. आज उनके आंदोलन का 19वां दिन है. ये किसान नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं. वहीं सरकार इन कृषि कानूनों को किसानों का हितैषी बता रही है. अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक खास जानकारी दी है. उनके अनुसार होशंगाबाद के एक किसान के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बेहद अच्छी साबित हुई. उसे 24 घंटे में न्याय मिला और कंपनी ने उससे अधिक मूल्य पर धान खरीद भी की. इसका एक वीडियो शिवराज सिंह चौहान के आफिस के ट्विटर हैंडल पर डाला गया है.यह मामला मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का है. वहां किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करते हैं. जानकारी दी गई है कि पहले दिल्ली की एक कंपनी फॉर्चून राइस लिमिटेड ने वहां के किसानों से बाजार के अधिक मूल्य पर धान खरीदने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था. लेकिन जब धान की कीमत 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल पहुंची तो कंपनी ने खरीद बंद दी. कंपनी की ओर से किसानों से भी संपर्क नहीं रखा गया. इसके बाद गांव के दो किसानों पुष्पराज पटेल और बृजेश पटेल ने 10 दिसंबर को उपजिलाधिकारी को शिकायत की और न्याय मांगा. इसके बाद नए कृषि कानून के तहत बातचीत के लिए सुलह बोर्ड का गठन किया गया.जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और दिल्ली की कंपनी फॉर्चून राइस लिमिटेड को 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया. एसडीएम कोर्ट ने समन जारी कर दिया था. इस पर कंपनी के डायरेक्टर अजय भलोटिया कोर्ट में हाजिर हुए और उन्होंने कॉन्शुलेशन बोर्ड के सामने 9 दिसंबर के उच्चतम दर पर धान खरीद स्वीकार की.उप जिलाधिकारी पिपरिया नितिन टाले ने बताया कि किसानों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी के कॉन्ट्रैक्ट के बावजूद कंपनी ने 9 दिसंबर को मंडी में 3000 रुपये प्रति क्विंटल पर धान नहीं खरीदी. दावा किया गया है कि नए कृषि कानून का इस्तेमाल करके शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर किसानों को कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार उच्चतम बाजार मूल्य दिलाए जाने की कार्रवाई हुई.मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले पर कई ट्वीट किए. सीएम शिवराज ने लिखा, ”अन्नदाता के हितों की रक्षा ही नए कृषि कानून का ध्येय है. मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि होशंगाबाद के किसानों को इस कानून के कारण 24 घंटे के भीतर न्याय मिला है.
निखिल की रिपोर्ट /