पटना, शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार का सकल नामांकन(जीआर) दर सिर्फ 13.6 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 25 से ज्यादा है। मुख्यमंत्री का कहना है कि सकल नामांकन अनुपात को 30 तक ले जाना है। वहीं वर्ष 2035 तक जीआर को 50 तक पहुंचाना है। ऐसे में हम अपनी जिम्मेदारी से भागेंगे तो हमारा प्रदेश कैसे तरक्की करेगा।डॉ. चौधरी बीडी कॉलेज में रविवार को बोल रहे थे। यहां उन्हें सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारा इतिहास और परंपरा वैभवशाली रहा है। लेकिन आज छात्र शिकायत करते हैं कि शिक्षक कॉलेज नहीं आते हैं, जबकि शिक्षकों की शिकायत होती है कि छात्र कॉलेज नहीं आते हैं। मेरा मानना है कि हमें कॉलेज जाना चाहिए, क्योंकि हम सैलरी पाते हैं। कार्यक्रम में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल ने शिक्षा मंत्री को शॉल व मेमेंटो देकर सम्मानित किया।छात्राओं की फीस माफी का उठा मामला.समारोह के विशिष्ठ अतिथि व एएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी शाही ने अपने संबोधन में छात्राओं की फीस माफी मामला उठाया। उन्होंने कहा कि छात्राओं से फीस नहीं लिया जा रहा है। लेकिन अब तक वो राशि नहीं मिली है। इससे महिला कॉलेजों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) की बैठक में रखिएगा उसे ठीक किया जाएगा।कुछ कर्मियों से चला रहे काम.समारोह में कुलपति प्रो. जीसीआर जायसवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को जहां 250 कर्मचारी चाहिए, वही हमें कुछ कर्मचारियों से काम चलाना पड़ रहा है। कर्मी मिले ही नहीं। उन्होंने नई शिक्षा नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह रामबाण साबित होगा। इसके पहले कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्राचार्य प्रो. प्रवीण कुमार ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे शिक्षामंत्री शिक्षा के एक अनुरागी हैं। यह एक सौभाग्य की बात है। इन्होंने कई शोध पत्र विभिन्न जगह पेश किए हैं। प्राचार्य ने कहा कि स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू हो जाए। इससे नैक मूल्यांकन में सुविधा होगा। शिक्षक और संसाधन की कमी नहीं है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनीता शर्मा ने किया।
शशि बर्मा की रिपोर्ट.