भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन में सामने आये कोरोना वायरस के नये प्रकार (स्ट्रेन) का भारत ने सफलतापूर्वक ‘कल्चर’ किया है. ‘कल्चर’ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उगाया जाता है और आमतौर पर उनके प्राकृतिक वातावरण के बाहर ऐसा किया जाता है.आईसीएमआर ने एक ट्वीट में दावा किया कि किसी भी देश ने ब्रिटेन में पाये गये सार्स-कोवी-2 के नये प्रकार को अब तक सफलतापूर्वक पृथक या ‘कल्चर’ नहीं किया है. आईसीएमआर ने कहा कि वायरस के ब्रिटेन में सामने आये नये प्रकार को सभी स्वरूपों के साथ राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में अब सफलतापूर्वक पृथक और कल्चर कर दिया गया है. इसके लिए नमूने ब्रिटेन से लौटे लोगों से एकत्र किये गये थे.अब तक 29 लोग पाए गए संक्रमित.उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वहां लोगों में वायरस का एक नया प्रकार पाया गया है, जो 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि सार्स-कोवी-2 के इस नये ‘स्ट्रेन’ से भारत में अब तक कुल 29 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.संक्रमित पाए गए हैं तो वे जीनोम सीक्वेंसिंग का हिस्सा होंगे- MOHFW/केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ दिशा-निर्देश संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, ‘पिछले 14 दिन (9 से 22 दिसंबर तक) में भारत पहुंचे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री, यदि उनमें लक्षण हैं और संक्रमित पाए गए हैं तो वे जीनोम सीक्वेंसिंग का हिस्सा होंगे.’भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के मुताबिक, इस साल नवंबर में कुल 10.44 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री भारत आए और गए हैं. ब्रिटेन में पाया गया कोराना वायरस का नया प्रकार अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी मिल चुका है.
धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट.